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सरकार ने यह नहीं बताया कि कितना गैलन तेल बिखर गया था।
प्रशांत महासागरीय देश टोंगा में करीब 1 हजार साल बाद समुद्र के अंदर ज्वालामुखी के महाविस्फोट और उसके बाद आई सुनामी की लहरों से अब हर तरफ बस तबाही ही तबाही नजर आ रही है। अधिकारी एयरपोर्ट पर चारों ओर बिखरी राख को साफ करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि राहत सामग्री और साफ पानी से भरे विमान वहां उतर सकें। इस विस्फोट में अब तक 3 लोगों के मरने की पुष्टि हुई है। वहीं टोंगा से आई पहली तस्वीरों में नजर आ रहा है कि गांव के गांव ज्वालामुखी विस्फोट की वजह से साफ हो गए हैं।
इस बीच दो छोटे द्वीपों फोनोई और मांगो से बहुत ही बुरे संकेत मिल रहे हैं जहां पर करीब 100 लोग रहते थे। मरने वालों में दो स्थानीय लोग और एक ब्रिटिश नागरिक शामिल हैं। तस्वीरों में नजर आ रहा है कि बड़ी संख्या में इमारतें नष्ट हो गई हैं और पेड़ उखड़ गए हैं। हर तरफ मलबा बिखरा हुआ है। ज्वालामुखी विस्फोट के बाद उठी सुनामी इतनी शक्तिशाली थी कि उसका असर हजारों किमी दूर जापान और अमेरिका तक देखा गया था। इस सुनामी से अब तक कितनी तबाही हुई है, इसका अभी ठीक-ठीक पता नहीं चल पाया है। टोंगा में बिजली और फोन सिस्टम को जहां आंशिक रूप से शुरू कर दिया गया है, वहीं पानी के अंदर मौजूद ऑप्टिक केबल के खराब होने से टोंगा का इंटरनेट के जरिए दुनिया से संपर्क अभी भी टूटा हुआ है।
न्यूजीलैंड टोंगा तक नौसेना के दो पोत भी भेज रहा
इस बीच न्यूजीलैंड की सेना इस वक्त सबसे जरूरी पेयजल और अन्य सामग्रियां भेज रही है लेकिन कहा कि हवाईपट्टी पर जमी राख के चलते विमान को पहुंचने में कुछ देरी हो सकती है। शनिवार के विस्फोट के बाद से राख के ऊंचे होते ढेर ने इससे पहले की उड़ानों को भी यहां नहीं पहुंचने दिया। न्यूजीलैंड टोंगा तक नौसेना के दो पोत भी भेज रहा है। साथ ही उसने राहत एवं पुनर्विकास प्रयासों के तहत 10 लाख न्यूजीलैंड डॉलर यानी 6,80,000 डॉलर की शुरुआती राशि देने की भी प्रतिबद्धता जताई है।
ऑस्ट्रेलिया ने भी सिडनी से ब्रिसबेन तक एक नौसैन्य पोत भेजा है ताकि जरूरत पड़ने पर सहायता मिशन की तैयारी पूरी हो। वहीं पेरू की राजधानी लीमा से मिल रही खबरों के मुताबिक, असामान्य ऊंची लहरों के कारण पेरू तट पर तेल का रिसाव हो गया लेकिन अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि रिसाव को कुछ ही घंटे में नियंत्रित कर लिया गया और इलाके को साफ करने का कार्य जारी है। पेरू के नागरिक सुरक्षा संस्थान ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि एक पोत पर रविवार को प्रशांत तट पर ला पैम्पिला रिफाइनरी में तेल भरा जा रहा था, जब तेज लहरों से पोत हिलने लगा और तेल फैल गया। सरकार ने यह नहीं बताया कि कितना गैलन तेल बिखर गया था।
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