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Virgin Galactic अंतरिक्षयात्रा के लिए बेचेगी टिकट, जानें कितनी होगी एक सीट की कीमत

Gulabi
7 Aug 2021 5:21 PM GMT
Virgin Galactic अंतरिक्षयात्रा के लिए बेचेगी टिकट, जानें कितनी होगी एक सीट की कीमत
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कुछ हफ्ते पहले ब्रिटेन के मशहूर बिजनसमैन रिचर्ड ब्रैनसन अंतरिक्ष को छूने वाले सबसे पहले अरबति बने थे

कुछ हफ्ते पहले ब्रिटेन के मशहूर बिजनसमैन रिचर्ड ब्रैनसन अंतरिक्ष को छूने वाले सबसे पहले अरबति बने थे। अब उनकी स्पेसशिप कंपनी Virgin Galactic ने ऐलान किया है कि वह स्पेस फ्लाइट्स के लिए टिकट की सेल गुरुवार से शुरू होगी। 11 जुलाई को ब्रैनसन कंपनी के रॉकेट प्लेन में भारतीय मूल की शिरीषा बांदला और दो अन्य यात्रियों के साथ इस ऐतिहासिक यात्रा पर गए थे।

तीन तरह के टिकट होंगे
जून में Virgin Galactic को अमेरिकी एविएशन सेफ्टी रेग्युलेटर से लोगों को अंतरिक्ष में ले जाने की इजाजत मिली थी। कंपनी का कहना है कि वह तीन तरीके के ऑफर देगी। एक सिंगल सीट, दूसरा मल्टी-सीट पैकेज और तीसरा फुल-फ्लाइट बाय आउट। इस रोमांचक सफर के लिए एक सीट की कीमत $450,000 यानी 3.33 करोड़ रुपये से ज्यादा होगी।
बेजोस ने अपनी कंपनी Blue Origin के बनाए रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट New Shepard में यह इतिहास रचा। यह कंपनी की पहली फ्लाइट थी जिसमें इंसानों को ले जाया जा रहा था। 20 जुलाई को चारों ऐस्ट्रोनॉट- जेफ, उनके भाई मार्क, एक्सपर्ट पायलट वॉली फंक और स्टूडेंट ऑलिवर डेमन इस फ्लाइट में सवार हुए और भारतीय समयानुसार 6:42 पर यह टेक्सस से लॉन्च हुआ।
न्‍यू शेफर्ड रॉकेट सबऑर्बिटल फ्लाइट है और यह ध्‍वनि की तीन गुना रफ्तार से अंतरिक्ष की ओर अपने कदम बढ़ा। यह तब तक सीधा अंतरिक्ष में जाता रहा जब तक कि उसका ज्‍यादातर ईंधन खत्‍म नहीं हो गया। यह लॉन्च चांद पर इंसान के पहले कदम की 52वीं सालगिरह पर किया गया था। इसी दिन 1969 में नील आर्मस्ट्रॉन्ग चांद पर कदम रखने वाले पहले शख्स बने थे।
चारों ऐस्ट्रोनॉट्स को ले जा रहा कैप्सूल रॉकेट से अलग हो गया। बूस्टर धरती पर लौट आया और अगली बार जाने के लिए सही-सलामत लैंड हो गया। वहीं, ऊपर कैप्सूल ने कुछ देर बिना ग्रैविटी के बिताई। बेजोस और उनके साथियों के स्पेस को छूने का ऐलान तब किया गया जब वे Karman Line पार कर गए। यह वही सीमा है जिसे धरती के वायुमंडल और बाहरी अंतरिक्ष की लिमिट माना जाता है।
कुछ देर जीरो ग्रैविटी में रहने के बाद कैप्सूल धरती को लौटा। इसमें लगे पैराशूट खुले जिसने इसकी गति को कंट्रोल किया और फिर यह कैप्सूल सफलतापूर्वक लैंड हो गया। पूरी उड़ान 10 मिनट 18 सेकंड की रही। लैंडिंग के बाद कैप्सूल के अंदर से ही बेजोस एक्साइटमेंट से चिल्ला पड़े, 'यह अविश्वसनीय था।' उन्होंने कहा, 'मैं हैरान था कि जीरो ग्रैविटी कितनी आसान थी, एकदम प्राकृतिक।'
लैंडिंग के बाद जब उन्हें स्टेटस चेक करना था तो उन्होंने इसे अपनी जिंदगी का सबसे बेहतरीन दिन बताया। कैप्सूल से बाहर निकलते ही बेजोस ने गर्लफ्रेंड लॉरेन को गले से लगाकर किस कर लिया। बेजोस काफी स्टाइल में स्पेस की यात्रा के लिए गए थे और वह लौटे भी काऊबॉय हैट में ही।
बेजोस भले ही स्पेस में जाकर लौटने वाले पहले अरबपति न हों, उन्होंने न सिर्फ एक्सपर्ट पायलट वॉली फंक का सपना पूरा किया बल्कि दुनिया को दीं सबसे उम्रदराज ऐस्ट्रोनॉट। वॉली ने यह साबित भी कर दिया कि उम्र सिर्फ एक नंबर है। करीब 60 साल पहले 1961 में कैंसल किए गए अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के Mercury 13 प्रोग्राम में फंक भी शामिल होने वाली थीं। स्पेस में जाने का उनका सपना तब तो पूरा नहीं हुआ लेकिन आज जब वह पल आया तो वॉली के चेहरे की खुशी भी सारी दुनिया ने देखी।
इस फ्लाइट ने दुनिया को सबसे युवा ऐस्ट्रोनॉट भी दिया और वह है 18 साल का एक स्टूडेंट। हाल ही में ग्रैजुएट हुए ऑलिविर डेमन के पिता ने Blue Origin की दूसरी फ्लाइट का टिकट खरीदा था लेकिन किस्मत शायद इतिहास रचने को बेकरार थी। पहली फ्लाइट पर जिस शख्स को जाना था, उसने अपना नाम इससे वापस ले लिया और ऑलिवर को मौका मिला है सबसे बुजुर्ग ऐस्ट्रोनॉट और सबसे अमीर शख्स के साथ यादगार सफर पर जाने का।
'स्पेस युग की नई सुबह'
रिचर्ड ने ऐतिहासिक सफर से लौटने के बाद ट्वीट किया था- 'स्पेस युग की नई सुबह में आपका स्वागत है।' दुनिया के कई अरबपति सबसे पहले स्पेस का सफर करना चाहते थे लेकिन ब्रैंसन ने यह बाजी मार ली। इसके साथ ही स्पेस एक्सप्लोरेशन के साथ प्राइवेट स्पेस ट्रैवल का नया दौर भी शुरू होता दिख रहा है। उनके कुछ ही दिन बाद ऐमजॉन के संस्थापक जेफ बेजोस भी अंतरिक्ष को छूकर लौटे थे।
शिरीषा बांदला ने रचा था इतिहास
उनके साथ भारत में जन्मीं शिरीषा बांदला भी इस ट्रिप पर गई थीं। बांदला अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की तीसरी महिला बन गई हैं। उनसे पहले कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष का सफर कर चुकी हैं। विलियम्स का जन्म अमेरिका में ही हुआ था। हालांकि, भारतीय नागरिक के तौर पर अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले एक मात्र विंग कमांडर राकेश शर्मा हैं।
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