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निवास पर भेजने की व्यवस्था की है, मगर वे स्वदेश लौटने से बहुत डरते हैं.
बांग्लादेश (Bangladesh) के दक्षिणी हिस्से में स्थित एक शिविर में शुक्रवार को रोहिंग्या शरणार्थियों (Rohingya refugees) के दो समूहों के बीच हिंसक झड़प होने से कम से कम छह शरणार्थियों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए. शिविर की सुरक्षा का काम संभालने वाले सशस्त्र पुलिस बटालियन के कमांडर शिहाब कैसर खान ने बताया कि झड़प कॉक्स बाजार जिले (Cox's Bazar district) में हुई, जब एक समूह ने गोलीबारी कर दी, जिससे मौके पर ही चार लोगों की मौत हो गई. दो लोगों की मौत अस्पताल में इलाज के दौरान हुईं. वहीं, घायलों का इलाज चल रहा है.
दोनों समूह के बीच झड़प किस बात को लेकर हुई, यह अभी स्पष्ट नहीं है. हालांकि, स्थानीय मीडिया का कहना है कि दोनों पक्षों में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर शिविर में वर्चस्व स्थापित करने के लिए आपस में झगड़ा चल रहा था. बांग्लादेश के अधिकारियों ने बताया कि पहले कुछ रोहिंग्या (Rohingya) समूह अपहरण तथा फिरौती वसूलने जैसे गंभीर अपराधों में भी लिप्त थे और वे म्यांमार (Myanmar) से मादक पदार्थों की तस्करी भी करते थे, जहां वे बांग्लादेश आने से पहले रहते थे. गौरतलब है कि म्यांमार में बढ़ती हिंसा के बाद रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश में जाकर बस गए.
म्यांमार से भागकर बांग्लादेश पहुंचे 11 लाख रोहिंग्या
कमांडर शिहाब कैसर खान ने बताया कि रोहिंग्या समुदाय के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है और उसके पास से हथियार भी बरामद हुए हैं. हालांकि, उन्होंने इस संबंध में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी. उन्होंने कहा कि पुलिस संदिग्धों का पता लगाने के लिए शिविर में तलाशी कर रही है. रोहिंग्या शरणार्थियों के एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि की उखिया स्थित शिविर में गोली मारकर हत्या करने के लगभग तीन सप्ताह बाद शुक्रवार को हिंसा की यह घटना सामने आई. म्यांमार के करीब 11 लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थियों ने तमाम तरह के उत्पीड़न से परेशान होकर बांग्लादेश में पनाह ली है.
म्यांमार की सेना पर लगा उत्पीड़न का आरोप
दरअसल, बौद्ध बहुसंख्यक आबादी वाले म्यांमार में सेना ने मुस्लिम जातीय समूह पर अगस्त 2017 में कार्रवाई तेज कर दी. इसके बाद लाखों की संख्या में रोहिंग्या भागकर बांग्लादेश आ गए. म्यांमार की सेना पर कथित तौर पर आरोप लगे कि इसने महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया, हत्याएं कीं और हजारों घरों को आग लगा दी. वैश्विक अधिकार समूहों और संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसे जातीय सफाई करार दिया है. वहीं, बांग्लादेश और म्यांमार ने रोहिंग्या को फिर से उनके निवास पर भेजने की व्यवस्था की है, मगर वे स्वदेश लौटने से बहुत डरते हैं.
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