दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को अदालत की अवमानना के मामले में जेल में डालने के बाद देश में हिंसा भड़क गई है। अब तक इस हिंसा में 6 की मौत हो चुकी है। हालात को काबू करने के लिए सरकार सेना की तैनाती की जा रही है। सोमवार को जेल भेजे जाने के विरोध में दक्षिण अफ्रीका के दो प्रांतों में हिंसा भड़क गई थी।
हिंसक प्रदर्शनकारियों ने कई जगह वाहन जलाए, दुकानों को भी लूटा
मंगलवार को भी प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर रास्ते रोके और वाहनों को जलाया। जबकि कई जगहों पर दुकानों को भी लूटा गया। दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रीय रक्षा बल (एसएएनडीएफ) के मुताबिक, उसने कानून प्रवर्तन एजेंसियों की मदद के लिए मिले अनुरोध के बाद सैन्य तैनाती की प्रक्रिया शुरू कर दी है। दक्षिण अफ्रीका पुलिस ने रविवार को बताया कि इन मामलों में कम से कम 62 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हिंसा में तीन पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने जैकब जुमा की सजा के विरोध में आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण प्रांतों में पिछले कुछ दिनों से चल रहे हिंसक विरोध-प्रदर्शनों की निंदा की है। कुछ राजनीतिक एवं असैन्य नेताओं ने हिंसा की निंदा की है और इसे प्रदर्शन की आड़ में आपराधिक कृत्य बताया है।
उन्होंने कहा कि प्रदर्शन करने का अधिकार है लेकिन इसे शांतिपूर्ण तरीके से करना चाहिए। बता दें कि भ्रष्टाचार के मामले में अदालत में पेश नहीं होने के कारण देश की शीर्ष कोर्ट ने उन्हें 15 माह जेल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उन्होंने पुलिस को अपनी गिरफ्तारी दी।
भ्रष्टाचार के आरोप में पिछले हफ्ते से 15 महीने की सजा काटने जेल गए जुमा समर्थकों ने क्वाजुलु नताल और गैंटेग प्रांत में जमकर उत्पात किया। जुमा के क्वाजुलु नताल से पिछले हफ्ते शुरू हुई हिंसा सप्ताह के आखिर में गौटेंग प्रांत में फैल गई है, जिसमें दक्षिण अफ्रीका का सबसे बड़ा शहर जोहानिसबर्ग भी शामिल है। पुलिस मेजर जनरल मथापेलो पीटर्स के अनुसार, जोहानिसबर्ग के करीब एलेक्जेंड्रा और ब्रैमली में कई सौ लोगों ने कई दुकानों को लूटपाट कर जला दिया था।