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दक्षिण अफ्रीका में हिंसा तेज, लूटी गईं दुकानें…बंद हुए वैक्सीनेशन सेंटर्स, अब तक 72 लोगों की मौत

Neha Dani
14 July 2021 4:39 AM GMT
दक्षिण अफ्रीका में हिंसा तेज, लूटी गईं दुकानें…बंद हुए वैक्सीनेशन सेंटर्स, अब तक 72 लोगों की मौत
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कम करने की उम्मीद कर रहे हैं. हालांकि, कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि उनकी सफलता की संभावना कम है.

दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा (Jacob Zuma) के जेल जाने के बाद शुरू हुई हिंसा में (Violence in South Africa) अब तक 72 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, कई लोगों की मौत दुकानों को लूटने के दौरान मची भगदड़ में कुचले जाने से हो गई. पुलिस और सेना ने हालात को काबू में करने के लिए स्टन ग्रेनेड और रबर बुलेट्स दागीं. अभी तक 1200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. ये हिंसा देश के दो प्रांतों के गरीब इलाकों में हुई है, जहां पर एक सामुदायिक रेडियो स्टेशन में तोड़फोड़ की गई और उसे बंद कर दिया गया.

देश में हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि कई वैक्सीनेशन सेंटर्स को बंद करना पड़ा. इस वजह से कई लोगों को वैक्सीन नहीं लग पाई है. पुलिस मेजर जनरल मथापेलो पीटर्स ने मंगलवार रात एक बयान में कहा कि गौतेंग और क्वाजुलु-नताल प्रांतों में कई मौतें अराजक भगदड़ की वजह से हुईं, क्योंकि हजारों लोगों ने दुकानों से भोजन, बिजली के उपकरण, शराब और कपड़े चुराने लगे. उन्होंने कहा कि क्वाजुलु-नताल प्रांत में 27 और गौतेंग प्रांत में 45 मौतों की जांच की जा रही है. वहीं, लोगों के भगदड़ में मारे जाने को लेकर उन्होंने कहा, पुलिस विस्फोट से हुई मौत की भी जांच कर रही है. कुछ लोगों की मौत गोलीबारी की वजह से भी हुई है.

हिंसा के दौरान लूटपाट करते लोग (AFP)
हिंसा की शुरुआत पिछले हफ्ते गुरुवार से हुई, जब पूर्व राष्ट्रपति जुमा ने 15 महीने की जेल की सजा काटने के लिए खुद को अधिकारियों को सौंप दिया. इसके बाद उन्हें जेल में बंद कर दिया गया. ये अशांति दो प्रांतों के टाउनशिप में हुईं, जहां बड़ी संख्या में लूटपाट की घटनाएं सामने आई हैं. हालांकि, ये हिंसा दक्षिण अफ्रीका के अन्य सात प्रांतों तक नहीं पहुंची है. लेकिन पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है. दक्षिण अफ्रीका की 6 करोड़ आबादी में से आधी से अधिक आबादी गरीबी में जीवन गुजार रही है. देश में बेरोजगारी की दर 32 फीसदी है. यही वजह है कि लोगों ने हिंसा की आड़ में लूटपाट शुरू कर दी है.
जैकब जुमा जेल में क्यों हैं?
पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा पर आरोप लगा कि उनके कार्यकाल के दौरान जमकर भ्रष्टाचार हुआ. इस मामले में जांच की शुरुआत हुई. जांच के दौरान जुमा को जांच अधिकारियों और कोर्ट के सामने पेश होना था. लेकिन वह ऐसा करने में विफल हुए. इसे लेकर अदालत ने उन्हें अदालत की अवमानना का दोषी पाया और 15 महीने जेल की सजा सुनाई. जैकब जुमा ने अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को सिरे से नकार दिया. वहीं, सजा का ऐलान होने के बाद उन्होंने पिछले हफ्ते खुद को जेल की सजा पूरी करने के लिए पुलिस को सौंप दिया. वह देश की संवैधानिक अदालत द्वारा सजा को रद्द या कम करने की उम्मीद कर रहे हैं. हालांकि, कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि उनकी सफलता की संभावना कम है.


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