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दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को गिरफ्तार किए जाने के बाद हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या 212 पहुंच गई है
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को गिरफ्तार किए जाने के बाद हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या 212 पहुंच गई है। यहां के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने स्वीकार किया कि सरकार को हिंसा के बारे में कोई अनुमान नहीं था। सरकार की खराब तैयारी के कारण ही हिंसा की वारदातें हुईं और उनको रोकने में हम नाकाम रहे।
राष्ट्रपति ने कहा कि फिलहाल इमरजेंसी लागू करने का उनका कोई इरादा नहीं है। इमरजेंसी उसी हालत में लगाई जानी चाहिए, जब स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए साधन अपर्याप्त हों। उन्होंने उम्मीद जताई है कि जल्द ही हालात पर काबू पा लिया जाएगा। इसके लिए सुरक्षा बल स्थानीय लोगों का भी सहयोग प्राप्त कर रहे हैं।
ज्ञात हो कि एक सप्ताह पहले पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को भ्रष्टाचार के एक मामले में अदालत में पेश न होने पर अवमानना में 15 महीने की सजा सुनाई गई थी। उनकी गिरफ्तारी के बाद ही यहां हिंसा भड़क गई। इसके बाद राजधानी सहित कई शहरों में आगजनी और लूटपाट भी शुरू हो गई। लगातार चल रही हिंसा में अब तक मरने वालों की संख्या 212 तक पहुंच गई है। पुलिस ने सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया है।
हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सीरिल रामफोसा ने भारतीय और अश्वेत अफ्रीकी समुदाय के बीच चल रहे तनाव को कम करने के लिए अपने पुलिस मंत्री और क्वाजुलू नटाल प्रांत के प्रमुख को डरबन शहर भेजा था। दक्षिण अफ्रीका में व्यापक हिंसा को लेकर चिंतित भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को दक्षिण अफ्रीका की अपनी समकक्ष नालेदी पैंडोर से बातचीत की थी।
इस बातचीत में नालेदी पैंडोर ने भरोसा दिया था कि उनकी सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा की सात जुलाई को गिरफ्तारी के बाद हिंसा को लेकर दोनों समुदायों ने एक-दूसरे के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट डाले जिसके बाद फोनिक्स एवं आसपास के इलाकों में तनाव फैल गया।
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