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अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट पर बढ़ा उपद्रव, अपने नागरिकों को रोका अमेरिका

Subhi
22 Aug 2021 12:46 AM GMT
अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट पर बढ़ा उपद्रव, अपने नागरिकों को रोका अमेरिका
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अमेरिका ने शनिवार को अपने नागरिकों को काबुल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दूर रहने की सलाह जारी की।

अमेरिका ने शनिवार को अपने नागरिकों को काबुल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दूर रहने की सलाह जारी की। अमेरिका ने यह सलाह एयरपोर्ट के बाहर भारी भीड़ की सुरक्षा बलों से झड़पों के कारण लगातार उपद्रव की स्थिति बढ़ने के चलते दी है। सुन्नी आतंकी संगठन तालिबान के अफगानिस्तान पर नियंत्रण करने के एक सप्ताह बाद भी हजारों लोग देश से बाहर निकलने के लिए एयरपोर्ट घेरकर बैठे हुए हैं।

अमेरिका की तरफ से अपने नागरिकों के लिए यह सलाह तालिबान के सह-संस्थापक और आगामी संभावित राष्ट्रपति मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के काबुल पहुंचने के बाद जारी की। तालिबान में नंबर दो की हैसियत वाला मुल्ला बरादर नई सरकार के गठन के लिए अन्य गुटों के नेताओं के साथ बातचीत करने काबुल पहुंचा है। हालांकि तालिबान का मुखिया हैबतुल्लाह अखुंदजा अब भी दुनिया के सामने नहीं आया है।
तालिबान अधिकारियों के मुताबिक, मुल्ला बरादर आतंकी नेताओं, पिछली सरकार के नेताओं और नीति निर्माताओं से मिलने के साथ ही धार्मिक विद्वानों व अन्य से मुलाकात करेगा। कतर के दोहा में अमेरिका और तालिबान के बीच समझौता कराने में मुल्ला बरादर की ही अहम भूमिका थी और उसे अमेरिका का समर्थन हासिल होने की भी चर्चा है। पजहॉक अफगान न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, हिज्ब-आई-इस्लामी अफगानिस्तान (एचआईए) के नेता गुलबुद्दीन हिकमतयार ने कहा था कि संगठन और अफगान नेताओं के बीच औपचारिक वार्ता तालिबान नेताओं के काबुल पहुंचने के बाद ही होगी। इसके बाद ही मुल्ला बरादर यहां पहुंचा है।
इसके बाद अमेरिकी दूतावास की तरफ से जारी एडवाइजरी में कहा गया, काबुल एयरपोर्ट के दरवाजों के बाहर सुरक्षा का खतरा बढ़ रहा है। ऐसे में हमारी सलाह है कि अमेरिकी सरकार के किसी प्रतिनिधि की तरफ से व्यक्तिगत निर्देश मिलने तक अमेरिकी नागरिकों को फिलहाल एयरपोर्ट से दूर ही रहना चाहिए। हालांकि तालिबान अधिकारियों ने कहा है कि एयरपोर्ट के बाहर के उपद्रव के लिए उनका संगठन जिम्मेदार नहीं हैं। उन्होंने कहा, पश्चिम को नागरिकों की निकासी के लिए बेहतर योजना बनानी थी।
नाटो ने किया 12 हजार लोगों को निकालने का दावा
नाटो अधिकारियों ने दावा किया है कि तालिबान के काबुल में प्रवेश करने के बाद से अब तक दूतावासों और अंतरराष्ट्रीय सहायता समूहों के लिए काम करने वाले 12 हजार विदेशियों व अफगान नागरिकों को देश से बाहर एयर लिफ्ट किया जा चुका है। नाटो महासिचव जेन स्टोलटनबर्ग ने कहा, एयरपोर्ट के बाहर हालात बेहद कठिन और खराब हैं। निकासी प्रक्रिया बेहद धीमी है, क्योंकि यह खतरनाक है। हम एयरपोर्ट के बाहर तालिबान सदस्यों या आम लोगों के साथ किसी भी तरह का टकराव नहीं चाहते हैं। हम निकासी योजना को लेकर किसी तरह का आरोपों का खेल शुरू नहीं करना चाहते।
तालिबान का दावा, पेश करेंगे सत्ता का नया मॉडल
तालिबान अधिकारियों ने दावा किया है कि उनका संगठन अगले कुछ सप्ताह में अफगानिस्तान पर शासन के लिए एक नया मॉडल पेश करने की तैयारी में है। इसमें आंतरिक सुरक्षा और वित्तीय मुद्दों से निपटने के लिए अलग-अलग टीम होंगी। उन्होंने कहा, संकट प्रबंधन के लिए पिछले सरकार के विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी। उन्होंने कहा, नई सरकार पश्चिमी की परिभाषा के हिसाब से लोकतांत्रिक नहीं होगी, लेकिन यह हर किसी के अधिकारों का संरक्षण करेगी।
पिछली सरकार के अधिकारियों पर हमले, तालिबान ने कहा दोषियों को देंगे दंड
कई अफगान नागरिकों और अंतरराष्ट्रीय सहायता व सलाहकार समूहों ने अफगानिस्तान में नियंत्रण बनाने के बाद तालिबान की तरफ से विरोध करने वालों के खिलाफ बेहद कठोर रुख अपनाने का दावा किया है। उन्होंने कहा है कि पिछली सरकार में सरकारी पदों पर रहने वालों, तालिबान की आलोचना करने वालों या अमेरिका के साथ काम करने वालों को तलाशकर हत्या समेत कई तरह की कठोर कार्रवाई की जा रही है। हालांकि एक तालिबान अधिकारी ने नाम नहीं बताते हुए कहा, हमने सामान्य नागरिकों के खिलाफ उत्पीड़न व अपराध के कुछ मामले सुने हैं। यदि (तालिबान के सदस्यों) ने कानून व्यवस्था की समस्या बनाई है तो इसकी जांच की जाएगी। हम भय, तनाव और घबराहट को समझ सकते हैं। लोग समझ रहे हैं कि हम जवाबदेह नहीं हैं, लेकिन यह मामला नहीं होगा।
हजारों अफगान सैनिकों को ढूंढकर मार रहा तालिबान
सत्ता पर तालिबान का नियंत्रण होने के बाद अफगान सेना के हजारों जवान और अधिकारी अपने हथियारों, सैन्य वाहनों व विमानों के साथ जान बचाकर ईरान और उज्बेकिस्तान में शरण पाने में सफल हो गए हैं। बहुत सारे जवानों ने तालिबान के लिए लड़ने की घोषणा कर अपनी जान बख्शवा ली है, लेकिन एक लाख से ज्यादा जवान, कमांडो और जासूस अब भी अपनी जान बचाने के लिए लगातार छिप रहे हैं, जिन्हें ढूंढकर तालिबान मार रहा है।
न्यूयार्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्वी अफगानिस्तान कीी पहाड़ियों में छिपे एक अफगान कमांडो फरीद ने कहा कि बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है। मेरे चारों तरफ की सामान्य सेना यूनिटों के आत्मसर्मपण करने से मैं यहां फंस गया हूं। मैं जान बचाने की प्रार्थना कर रहा हूं। टोलो न्यूज के मुताबिक, एक प्रांतीय गवर्नर और पुलिस के जवानों समेत देश में बड़ी संख्या में पिछली सरकार के अधिकारी लापता हैं और उनके परिवार उन्हें तलाशने की गुहार लगा रहे हैं।


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