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बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर छात्र आंदोलन संगठन द्वारा घोषित "असहयोग" आंदोलन के पहले दिन रविवार को प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ अवामी लीग समर्थकों के बीच हिंसक झड़पों में 32 लोग मारे गए और सैकड़ों अन्य घायल हो गए। प्रदर्शनकारी सरकार के इस्तीफे की मांग को लेकर "असहयोग कार्यक्रम" में भाग लेने पहुंचे थे। उनका अवामी लीग, छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ताओं ने विरोध किया और फिर दोनों पक्षों के बीच झड़पें शुरू हो गईं।
‘‘बांग्लादेश के 13 जिलों में हुई झड़पों में अब तक 32 लोग मारे जा चुके हैं।'' गृह मंत्रालय ने रविवार शाम छह बजे से देश में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया। सरकारी एजेंसियों ने सोशल मीडिया मंच'Facebook', 'Messenger', 'WhatsApp' and 'Instagram' को बंद करने का आदेश दिया है। अखबार ने बताया कि मोबाइल प्रदाताओं को 4जी इंटरनेट बंद करने का आदेश दिया गया है। ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन प्लेटफॉर्म' ने सरकार के इस्तीफे की एक सूत्री मांग के साथ आज से पूर्ण ‘‘असहयोग'' आंदोलन का आह्वान किया।
इस बीच, प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि विरोध के नाम पर बांग्लादेश में तोड़फोड़ करने वाले लोग छात्र, नहीं बल्कि आतंकवादी हैं और उन्होंने जनता से ऐसे लोगों से सख्ती से निपटने को कहा। उन्होंने कहा, ‘‘मैं देशवासियों से अपील करती हूं कि इन आतंकियों से सख्ती से निपटा जाए।''
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के सूत्रों के हवाले से अखबार ने खबर में बताया कि हसीना ने गणभवन में सुरक्षा मामलों की राष्ट्रीय समिति की बैठक बुलाई। बैठक में सेना, नौसेना, वायुसेना, पुलिस, रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी), बांग्लादेश सीमा गार्ड (बीजीबी) के प्रमुखों और अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने हिस्सा लिया। यह बैठक ऐसे समय में हुई जब देश के कई हिस्सों में हिंसा फिर से फैलती जा रही है। विरोध प्रदर्शन के चलते ढाका की ज्यादा दुकानें और मॉल बंद रहे। सैकड़ों छात्र और कामकाजी लोग ढाका के शाहबाग में एकत्र हो गए हैं, जिससे यातायात जाम हो गया।
प्रदर्शनकारियों ने हसीना के वार्ता के निमंत्रण को खारिज कर दिया और सरकार के इस्तीफे की मांग की। प्रदर्शन के समन्वयकों ने स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालयों और मदरसों के छात्रों के साथ-साथ श्रमिकों, पेशेवरों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और अन्य आम लोगों से विरोध प्रदर्शन में भाग लेने का आह्वान किया। सरकार विरोधी प्रदर्शनों के समन्वयक नाहिद इस्लाम ने घोषणा की कि वे अपनी एक सूत्री मांग को लेकर सोमवार को प्रदर्शन और सामूहिक धरना देंगे। उन्होंने एक बयान में कहा कि सोमवार को वे आरक्षण सुधार आंदोलन के दौरान हाल ही में देशभर में मारे गए लोगों की याद में शहीद स्मारक पट्टिकाओं का अनावरण करेंगे।
बांग्लादेश में हाल ही में पुलिस और मुख्य रूप से छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें 200 से ज़्यादा लोग मारे गए। प्रदर्शनकारी विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे थे, जिसके तहत 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भाग लेने वाले लड़ाकों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था।
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