विश्व
इस्लाम में तीसरे सबसे पवित्र स्थल माने जाने वाली अल-अक्सा मस्जिद में हिंसा, फलस्तीनियों ने किया पथराव
Rounak Dey
15 April 2022 8:55 AM GMT
![इस्लाम में तीसरे सबसे पवित्र स्थल माने जाने वाली अल-अक्सा मस्जिद में हिंसा, फलस्तीनियों ने किया पथराव इस्लाम में तीसरे सबसे पवित्र स्थल माने जाने वाली अल-अक्सा मस्जिद में हिंसा, फलस्तीनियों ने किया पथराव](https://jantaserishta.com/h-upload/2022/04/15/1589855-1107655-al-aqsa-mosque.webp)
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जिस पर इजराइल ने 1967 के युद्ध में कब्जा कर लिया था.
यरूशलम स्थित पवित्र स्थल अल-अक्सा मस्जिद में शुक्रवार को तड़के इजराइली पुलिस और फलस्तीनियों के बीच हुए संघर्ष में 59 फलस्तीनी घायल हो गए. अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हिंसा किस कारण से हुई. स्थल का प्रशासनिक कार्य संभालने वाली एक इस्लामी संस्था ने कहा कि इजराइली पुलिस ने तड़के की नमाज के तुरंत बाद बलपूर्वक उस समय मस्जिद में प्रवेश किया, जब हजारों लोग वहां मौजूद थे.
घटना का वीडियो आया सामने
इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें दिख रहा है कि फलस्तीनी पथराव कर रहे हैं और पुलिस आंसू गैस एवं स्टन ग्रेनेड चला रही है. अन्य वीडियो में मस्जिद के अंदर ही नमाजियों को आंसू गैस के धुएं के बीच खुद को बचाने की कोशिश करते देखा जा सकता है. पैलेस्टीनियन रेड क्रेसेंट इमरजेंसी सेवा ने बताया कि उसने 59 घायलों को अस्पताल पहुंचाया. फलस्तीनी संस्था ने कहा कि स्थल पर मौजूद एक सुरक्षाकर्मी की आंख में रबड़ की गोली लगी. इजराइली प्राधिकारियों ने इस बारे में तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की.
इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र स्थल है अल-अक्सा मस्जिद
बता दें कि यह मस्जिद मक्का और मदीना के बाद इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र स्थल है. यह एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है जो यहूदियों के लिए सबसे पवित्र स्थल है. यहूदी इसे 'टेंपल माउंट' कहते हैं. यह इजराइल-फलस्तीनी हिंसा का दशकों से एक प्रमुख बिंदु रहा है. फलस्तीनियों के घातक हमले में इजराइल में 14 लोगों की मौत के बाद से हालिया सप्ताह में तनाव बढ़ गया है. इजराइल ने कब्जे वाले वेस्ट बैंक से कई लोगों को गिरफ्तार किया है और वहां कई सैन्य अभियान चलाए हैं और इस दौरान हुए संघर्षों में कई फलस्तीनी मारे गए हैं.
हजारों फलस्तीनियों के इकठ्ठे होने की थी संभावना
रमजान के पवित्र महीने के दौरान अल-अक्सा मस्जिद में जुमे की नमाज के लिए हजारों फलस्तीनियों के एकत्र होने की संभावना थी. यरुशलम में पिछले साल रमजान के दौरान कई सप्ताह के विरोध प्रदर्शनों और झड़पों के बाद 11-दिवसीय गाजा युद्ध हुआ था. इजराइल ने रमजान से पहले तनाव कम करने की कोशिश के तहत प्रतिबंध हटाए हैं और अन्य कदम उठाए हैं. इस साल रमजान के साथ-साथ यहूदी और ईसाई समुदाय के भी अहम त्योहार पड़ रहे हैं. हमलों और सैन्य कार्रवाई ने अशांति की नई लहर पैदा कर दी है.
फलस्तीनियों को है मस्जिद पर कब्जे का डर
फलस्तीनियों को डर है कि इजराइल स्थल पर कब्जा करना चाहता है या इसका विभाजन करना चाहता है. इजराइली प्राधिकारियों ने कहा कि वे यथास्थिति बनाए रखने को लेकर प्रतिबद्ध हैं, लेकिन हालिया वर्षों में बड़ी संख्या में पुलिस की मौजूदगी में राष्ट्रवादी एवं धार्मिक लोग यहूदी स्थल आए हैं. अल-अक्सा मस्जिद और कई अन्य बड़े स्थल पूर्वी यरूशलम में स्थित हैं, जिस पर इजराइल ने 1967 के युद्ध में कब्जा कर लिया था.
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