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इस देश में महिला सांसद के साथ हिंसा, पार्लियामेंट में डिबेट के दौरान पड़ा थप्पड़, देखें वीडियो

jantaserishta.com
5 July 2021 9:28 AM
इस देश में महिला सांसद के साथ हिंसा, पार्लियामेंट में डिबेट के दौरान पड़ा थप्पड़, देखें वीडियो
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ट्यूनीशिया में पिछले कुछ महीनों से पॉलिटिकल हिंसा में बढ़ोतरी हुई है. ऐसा ही एक बार फिर देखने को मिला जब एक महिला सांसद को पार्लियामेंट में डिबेट के दौरान हिंसा का शिकार होना पड़ा. इस महिला सांसद के साथ हिंसा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है.

साहबी समरा स्वतंत्र सांसद हैं और वे किसी पार्टी से ताल्लुक नहीं रखते हैं. वीडियो में देखा जा सकता है कि वे अपनी सीट से उठे और अबीर मोउसी नाम की महिला सांसद के पास जाकर उन्हें थप्पड़ मारने लगे. उन्होंने ऐसा कई बार किया और संसद में मौजूद बाकी नेताओं को बीच-बचाव करना पड़ा.
अबीर ट्यूनीशिया सरकार और कतर फंड फॉर डेवलेपमेंट के बीच हुए एक समझौते को लेकर विरोध दर्ज करा रही थीं. उन्होंने फेसबुक लाइव करते हुए कहा था कि ट्यूनीशिया के लोगों देखो, कैसे ये हमारे देश को बेचने की तैयारी कर रहे हैं. इसके तुरंत बाद ही उन पर साहबी ने हमला कर दिया था.
अबीर ने इसके बाद फेसबुक वीडियो पर कैप्शन देते हुए लिखा- ये उनका असली चेहरा है. हिंसा. महिलाओं का अपमान करना. नियमों का उल्लंघन करना. गौरतलब है कि अबीर फ्री डिस्टोरियन पार्टी की लीडर हैं. साल 2019 में ट्यूनीशिया में हुए जनरल इलेक्शन्स में उनकी पार्टी ने 17 सीटें जीती थीं.
इस घटना के बाद ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति ने इस घटना पर प्रतिक्रिया भी दी है. उन्होंने इस मामले में अबीर को ही कसूरवार ठहराते हुए कहा कि ये हिंसा पिछले कुछ समय से चल रहे सरकारी संस्थानों में थियेटर और एक्टिंग का ही हिस्सा है लेकिन इस बार एक्टर और डायरेक्टर फेल हुए.
हालांकि साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि हिंसा की किसी भी सभ्य समाज में कड़ी निंदा करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भले ही हम लोग किसी एक विचारधारा को लेकर सहमति ना रखें, लेकिन हिंसा को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है और सरकारी संस्थानों में तो ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए.
इस घटना पर मानवाधिकार संगठनों के साथ ही सरकार ने भी निंदा की है. एक संगठन का कहना था कि पिछले एक साल में पॉलिटिकल हिंसा बहुत ज्यादा बढ़ी है और ट्यूनीशिया के संसद में मौत की धमकियां, गालियां और हाथापाई आम होती जा रही हैं.
गौरतलब है कि अरब स्प्रिंग के बाद से ही ट्यूनीशिया में काफी राजनीतिक उथल-पुथल देखने को मिली है. पिछले 10 सालों में यहां 12 सरकारें आ चुकी हैं. इसके अलावा ट्यूनीशिया पर आईएमएएफ के कर्जों की शर्तों ने इस देश पर आर्थिक दबाव भी बनाया हुआ है और इकोनॉमी के हालात खराब बने हुए हैं.


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