x
विजय माल्या अपने आपको को बचाने के लिए कानूनी दांवपेच चलता ही रहता है। अब उसने ब्रिटेन के उच्च न्यायालय में अपने दिवालियापन आदेश के खिलाफ अपील करने की अनुमति के लिए कागजात दाखिल किए हैं।
विजय माल्या अपने आपको को बचाने के लिए कानूनी दांवपेच चलता ही रहता है। अब उसने ब्रिटेन के उच्च न्यायालय में अपने दिवालियापन आदेश के खिलाफ अपील करने की अनुमति के लिए कागजात दाखिल किए हैं। लंदन उच्च न्यायालय ने 26 जुलाई को विजय माल्या को दिवालिया घोषित कर दिया था।
उच्च न्यायालय के चांसरी डिवीजन के एक प्रवक्ता ने टीओआई को बताया कि भगोड़े भारतीय व्यवसायी विजय माल्या ने 16 अगस्त को एक नोटिस दायर किया था। इसमें मुख्य आईसीसी न्यायाधीश ब्रिग्स के फैसले को अपील करने की अनुमति मांगी थी, जिन्होंने उन्हें दिवालिया घोषित कर दिया था।
फिलहाल कोई अनुमति नहीं दी गई है। लेकिन माल्या के पास अपनी अपील दायर करने के लिए 21 सितंबर तक का समय है और इस अपील को मानने के लिए किसी अन्य न्यायाधीश के पास भेजा जाएगा। अगर अपील पर सुनवाई पूरी होती है तो वह दिवालियेपन को उलटने पर जोर लगा सकता है।
भारत ने की थी दिवालिया घोषित की मांग
मुख्य दिवाला और कंपनी न्यायालय के न्यायाधीश माइकल ब्रिग्स ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई सुनवाई में कहा कि मैं डॉ माल्या को दिवालिया घोषित करता हूं। भारतीय बैकों की ओर से केस लड़ रहे लॉ फर्म टीएलटी एलएलपी और बैरिस्टर मार्सिया शेकरडेमियन ने इस मामले में पैरवी करते हुए माल्या को दिवालिया घोषित करने की मांग की थी।
दर्जनभर बैंकों ने दायर की थी याचिका
भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ भारत के 13 बैंकों ने संघ बनाकर लंदन हाई कोर्ट में याचिका दायर की थ। इस संघ में बैंक ऑफ बड़ौदा, कॉर्पोरेशन बैंक, फेडरल बैंक लिमिटेड, आईडीबीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, जम्मू और कश्मीर बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक, बैंक ऑफ मैसूर, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और जेएम फाइनेंशियल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड इसमें शामिल थे।
Next Story