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दुबई. पुलिस हिरासत में 22-वर्षीया महिला महसा अमिनी की सप्ताहांत मौत के बाद प्रदर्शन कर रहे लोगों और ईरानी सुरक्षाबलों के बीच हुई झड़पों में अब तक कम से कम 31 लोगों की मौत हुई है। न्यूज एजेंसी एएफपी ने गुरुवार को एक एनजीओ के हवाले से यह जानकारी दी है। ईरान में जारी अशांति हाल के कई वर्षों में सबसे खराब स्थिति तक पहुंच गई है और अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है, क्योंकि सामाजिक दमन और देश में बढ़ते संकटों से नाराज प्रदर्शनकारियों का कम से कम एक दर्जन शहरों में सुरक्षा और अर्धसैनिक बलों से सामना जारी है।
विरोध प्रदर्शन पर सरकार की कार्रवाई की जानकारी अन्य लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रदर्शनकारियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप पर व्यापक रोक जारी रही। ऐसा प्रतीत होता है कि अधिकारियों ने इन घटनाओं को बाहरी दुनिया तक पहुंचने से रोकने के लिए यह कदम उठाया है, जबकि सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार अशांति के समय हमेशा इस तरह के कदम उठाती है।
At least 31 civilians killed in a crackdown by the Iranian security forces on protests that erupted after the death of Mahsa Amini who had been arrested by the morality police, reports AFP citing an NGO
— ANI (@ANI) September 22, 2022
ईरान में प्रदर्शनों की शुरुआत देश की धर्माचार पुलिस द्वारा सख्ती से लागू किए गए ड्रेस कोड का कथित रूप से उल्लंघन करने के लिए गिरफ्तार युवती महसा अमिनी की मौत पर एक भावनात्मक आक्रोश की परिणति है। उसकी मौत को लेकर अमेरिका, यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र ने कड़ी निंदा की है।
The scenes in Iran are astonishing. How far will these protests go?
— Frida Ghitis (@FridaGhitis) September 20, 2022
pic.twitter.com/AJeHB0yyYB
उधर, पुलिस का कहना है कि उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी और उसके साथ दुर्व्यवहार नहीं किया गया था, लेकिन उसके परिवार ने इस बारे में संदेह जताया है। संयुक्त राष्ट्र से जुड़े स्वतंत्र विशेषज्ञों ने गुरुवार को कहा कि रिपोर्ट से पता चलता है कि धर्माचार पुलिस ने उसे बिना सबूत पेश किए बुरी तरह पीटा था। उन्होंने दोषियों को जिम्मेदार ठहराने के लिए निष्पक्ष जांच की मांग की है। (एजेंसी इनपुट के साथ)
Rani Sahu
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