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महिला सेक्स वर्कर के साथ बदतमीजी, पुलिस अधिकारी का वायरल हुआ वीडियो

jantaserishta.com
22 Sep 2021 11:31 AM GMT
महिला सेक्स वर्कर के साथ बदतमीजी, पुलिस अधिकारी का वायरल हुआ  वीडियो
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वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिस अफसर महिला से पूछते हैं कि क्या तुम सेक्स वर्कर हो?

नई दिल्ली: अफ्रीकी देश सूडान का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ पुलिस अधिकारी और सरकारी अधिकारी एक महिला सेक्स वर्कर के साथ बदतमीजी कर रहे हैं और उसे हैरेस करने की कोशिश कर रहे हैं. इस वीडियो को जुबा सिटी काउंसिल के मेयर ने फेसबुक पर शेयर किया है. बता दें कि सूडान में सेक्स वर्क गैर-कानूनी है. दक्षिण सूडान में वेश्यालय चलाने या उसका मालिक होने को अपराध माना जाता है. इसके अलावा किसी महिला को वेश्यावृति के धंधे में धकेलने और वेश्यावृत्ति से होने वाली कमाई को भी अपराध की श्रेणी में रखा जाता है.

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिस अफसर महिला से पूछते हैं कि क्या तुम सेक्स वर्कर हो? क्या तुम्हें नहीं पता कि तुम इस पूरे देश को खराब कर रही हो? अपने मेडिकल एक्जाम से पहले ही हमें बता दो कि कहीं तुम्हें कोई इंफेक्शन तो नहीं है? इस वीडियो को देखने के बाद कई सोशल मीडिया यूजर्स का कहना था कि महिला को अपमानित और प्रताड़ित करने की कोशिश की गई है. गौरतलब है कि सेक्स वर्क के अपराधीकरण के साथ ही इस देश की कई सेक्स वर्कर्स को दुर्व्यवहार और शोषण का सामना करना पड़ रहा है.
इस वीडियो को साउथ सूडान के अधिकारियों ने पोस्ट किया है. इस वीडियो में ये भी कहा गया है कि इस महिला के अलावा 40 और लोगों को गिरफ्तार किया गया था जिनमें से ज्यादातर महिलाएं ही थीं. इन महिलाओं पर जादू-टोने या वेश्यावृति का इल्जाम लगाया गया था. इनमें से तीन महिलाओं को जुबा के सेंट्रल जेल में जबरदस्ती एचआईवी टेस्ट कराया गया. इसके अलावा बाकी लोगों को 400 डॉलर्स का जुर्माना या 6 महीने जेल की सजा सुनाई गई है. गौरतलब है कि सूडान में स्थानीय महिलाओं के साथ ही विदेशी महिलाएं भी खतरे के बावजूद इस व्यापार में लिप्त हैं और व्यापार इस देश में काफी फल-फूल भी रहा है.
ह्यूमन राइट्स वॉच के शोध के अनुसार, सूडान के साथ ही दक्षिण अफ्रीका और तंजानिया जैसे देशों में सेक्स वर्क के अपराधीकरण करने से इस व्यापार में काम करने वाले लोगों की सुरक्षा बेहद संवेदनशील हो जाती है. ये सेक्स वर्कर्स हमलावरों के लिए आसान लक्ष्य होते हैं क्योंकि उन्हें पुलिस से मदद मिलने की संभावना काफी कम होती है. इसके अलावा उन्हें समाज में भी काफी धिक्कारा जाता है.
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