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भारतीय से लगती अपनी सीमा पर लगातार आधारभूत ढांचे को मजबूत करने में जुटे चीन ने भारत की सीमा पर पहली बार बुलेट ट्रेन से सैनिक भेजकर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है
भारतीय से लगती अपनी सीमा पर लगातार आधारभूत ढांचे को मजबूत करने में जुटे चीन ने भारत की सीमा पर पहली बार बुलेट ट्रेन से सैनिक भेजकर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है। करीब 160 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ने वाली यह बुलेट ट्रेन तिब्बत की राजधानी ल्हासा से सैनिकों को लेकर निंगची शहर पहुंची जो भारत के अरुणाचल प्रदेश की सीमा के पास है।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक नव निर्मित ल्हासा-निंगची रेलवे द्वारा 'पीपुल्स लिबरेशन आर्मी' में नए भर्ती हुए जवानों को 4,500 मीटर की ऊंचाई पर एक अभ्यास क्षेत्र में ले जाया गया। पीएलए से जुड़ी एक वेबसाइट के अनुसार, ऐसा पहली बार था जब ल्हासा-निंगची बुलेट रेलवे के जरिये सेना के जवानों को ले जाया गया। निंगची शहर, भारत के अरुणाचल प्रदेश की सीमा के पास स्थित है और चीन के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
रेल लाइन सीमा स्थिरता को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाएगी: शी
चीन ने हाल ही में तिब्बत के सुदूर हिमालयी क्षेत्र में पहली पूरी तरह बिजली से चालित बुलेट ट्रेन का परिचालन शुरू किया था जो प्रांतीय राजधानी ल्हासा और नियंगची को जोड़ती है। सिचुआन-तिब्बत रेलवे के 435.5 किलोमीटर लंबे लहासा-नियंगची खंड का एक जुलाई को सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के शताब्दी समारोहों से पहले उद्घाटन किया गया था।
A combined arms brigade under PLA Tibet Military Command mobilizes new recruits on Lhasa to Nyingchi bullet train (160km/h) directly to the frontline, the 1st time the 435-km rail line to host troop transport mission. Nyingchi is home to the PLA 52nd Mountain Infantry Brigades. pic.twitter.com/QsLMgVQ1Jo
— Eva 郑 عائشة (@evazhengll) August 5, 2021
गतवर्ष नवंबर महीने में, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अधिकारियों को सिचुआन प्रांत को तिब्बत में नियंगची से जोड़ने वाली नयी रेलवे परियोजना का काम तेज गति से करने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा था कि नयी रेल लाइन सीमा स्थिरता को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाएगी। सिचुआन-तिब्बत रेलवे की शुरुआत सिचुआन प्रांत की राजधानी, चेंगदू से होगी और यान से गुजरते हुए कामदो के जरिए तिब्बत में प्रवेश करेगी जिससे चेंगदू से ल्हासा की यात्रा 48 घंटे से कम होकर 13 घंटे रह जाएगी।
चीन ने भारत से लगी सीमा पर बहुत तेजी से अपनी सैन्य तैयारी बढ़ाई
नियंगची मेडोग का प्रांतीय स्तर का शहर है जो अरुणाचल प्रदेश सीमा से सटा हुआ है। चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है जिसे भारत पुरजोर तरीके से खारिज करता है। भारत-चीन सीमा विवाद 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर है। चीन ने भारत से लगी सीमा पर बहुत तेजी से अपनी सैन्य तैयारी बढ़ाई है। कई हवाई ठिकानों का निर्माण किया है जहां पर मिसाइलें तैनात हैं।
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