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Video: तेल रिफाइनरी में लगी भीषण आग, कई मजदूर घायल

Shiddhant Shriwas
18 Oct 2021 12:08 PM GMT
Video: तेल रिफाइनरी में लगी भीषण आग, कई मजदूर घायल
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कुवैत (Kuwait) में एक प्रमुख तेल रिफाइनरी (Oil refinery fire in Kuwait) में सोमवार को आग लग गई

कुवैत (Kuwait) में एक प्रमुख तेल रिफाइनरी (Oil refinery fire in Kuwait) में सोमवार को आग लग गई. कुछ श्रमिक धुएं की चपेट में आकर अस्वस्थ हो गए जबकि कुछ मामूली रूप से घायल हैं. कुवैत की 'नेशनल पेट्रोलियम कंपनी' (National Petroleum Company) के अनुसार कुवैत की फारस की खाड़ी (Persian Gulf) के उत्तर में सऊदी अरब (Saudi Arabia) से लगती सीमा के इलाके में स्थित मीना अल-अहमदी तेल रिफाइनरी (Mina al-Ahmadi oil refinery) में आग लगने से बिजली की आपूर्ति या तेल निर्यात प्रभावित नहीं हुआ.

कंपनी ने बताया कि कई कर्मी निकट के अस्पताल में इलाज करा रहे हैं. कुवैत के घरेलू बाजार में मुख्य रूप से गैसोलीन और डीजल की आपूर्ति करने के लिए रिफाइनरी एक दिन में 25,000 बैरल तेल का शोधन करती है. हाल के दिनों में उत्सर्जन कम करने और एक दिन में 3,46,000 बैरल तेल का शोधन करने योग्य बनाने के लिए रिफाइनरी का विस्तार किया गया था. तेल उत्पाद से सल्फर अलग करने वाली रिफाइनरी की इकाई में दमकल कर्मी आग बुझाने का प्रयास कर रहे हैं. कुवैत के तटीय फहील जिले (Fahaheel district) के निवासियों ने एक भयानक विस्फोट की आवाज सुनने की जानकारी दी.
मीना अल-अहमदी रिफाइनरी में 1949 में शुरू हुआ था काम
लोगों ने राजमार्ग के ऊपर उठ रहे काले धुएं के गुबार के फुटेज सोशल मीडिया पर साझा किए. कुवैत की कुल आबादी 41 लाख है लेकिन यहां दुनिया में छठा सबसे बड़ा ज्ञात तेल भंडार है. 10.5 वर्ग किलोमीटर वाली साइट मीना अल-अहमदी रिफाइनरी पर 1949 में काम करना शुरू किया गया था. देश की सरकारी पेट्रोल कंपनी के अंतर्गत आने वाली ये तीन सबसे बड़ी रिफाइनरियों में से एक है. तेल संपन्न कुवैत हर दिन 24 लाख बैरल तेल का उत्पादन करता है, इसमें से बड़ा हिस्सा बाहर निर्यात कर दिया जाता है. मध्य-पूर्व के अधिकतर देशों की तरह ही कुवैत में ही तेल अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा है.
पहले भी रिफाइनरी में हो चुके हैं हादसे
ऐसा पहली बार नहीं है, जब कुवैत की इस तेल रिफाइनरी में आग लगी है. इससे पहले जून 2000 में मीना अल-अहमदी रिफाइनरी में गैस लीक की वजह से एक बहुत ही बड़ा धमाका हुआ था. इस वजह से रिफाइनरी में खासा नुकसान हुआ था और दक्षिण कस्बा पूरी तरह से हिल उठा था. धमाके की वजह से तेल रिफाइन करने का काम भी बंद करना पड़ा, जिससे निर्यात में गिरावट भी हुई. इस धमाके में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए थे. 2008 में इसी तेल रिफाइनरी में फिर ऐसा ही एक हादसा हुआ था, लेकिन इस दौरान तुरंत आग पर काबू पा लिया गया.


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