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उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने राजनीतिक सक्रियता पर उठाए प्रतिबंधों के मुद्दे, दक्षिण चीन सागर को लेकर चीन पर तीखा बयान

Neha Dani
27 Aug 2021 8:49 AM GMT
उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने राजनीतिक सक्रियता पर उठाए प्रतिबंधों के मुद्दे, दक्षिण चीन सागर को लेकर चीन पर तीखा बयान
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नौवहन संबंधी दावों को चुनौती देने के लिए दबाव बनाने और दबाव बढ़ाने के तरीके तलाशने की जरूरत है.’

अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने इस हफ्ते वियतनाम के नेताओं के साथ बातचीत के दौरान मानवाधिकारों के हनन और राजनीतिक सक्रियता पर प्रतिबंधों के मुद्दे उठाए. साथ ही वियतनाम से राजनीतिक असंतुष्टों (Political Dissidents) को रिहा करने की अपील की. हैरिस ने हनोई में एक संवाददाता सम्मेलन में गुरुवार को कहा, 'हम कठिन बातचीत से पीछे नहीं हटने वाले हैं. कठिन वार्ता अकसर उन लोगों के साथ होनी चाहिए, जिनके साथ आपकी साझेदारी हो सकती है.'

हैरिस ने कहा कि उन्होंने वियतनाम के नेताओं से राजनीतिक असंतुष्टों को रिहा करने को लेकर बात की है (Vietnam Political Situation). हालांकि उन्होंने इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी कि बातचीत कितनी कारगर रही. वियतनाम को अभिव्यक्ति एवं प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध, देश में महिलाओं के खिलाफ व्यापक हिंसा और राजनीतिक असंतुष्टों के खिलाफ कार्रवाई के लिए काफी आलोचना का सामना करना पड़ा है.
हैरिस ने नहीं दिया इस सवाल का जवाब
इन्हीं सब वजहों से हैरिस ने उस सवाल का जवाब नहीं दिया कि अमेरिका ऐसी गतिविधियों के लिए चीन की आलोचना क्यों करता है, जबकि वह वियतनाम के साथ मजबूत संबंध स्थापित करने की कोशिश कर रहा है. इसके साथ ही दक्षिण-पूर्व एशिया की हैरिस की यात्रा (Kamala Harris Asia) का समापन हो गया है. हैरिस की सिंगापुर और वियतनाम यात्रा का लक्ष्य अमेरिका के इन देशों के साथ संबंधों को मजबूत करना और क्षेत्र में चीन के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए अमेरिकी प्रयासों को तेज करना था.
दक्षिण चीन सागर को लेकर चीन पर तीखा बयान
इससे पहले कमला हैरिस ने चीन पर निशाना साधते हुए वियतनाम से दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में चीन की 'दादागिरी' से निपटने के लिए अमेरिका का साथ देने को कहा था. वियतनाम के राष्ट्रपति गुयेन जुआन फुक (Nguyen Xuan Phuc) के साथ द्विपक्षीय बैठक से पहले उन्होंने कहा था, 'हमें बीजिंग पर संयुक्त राष्ट्र के समुद्री कानून का पालन करने, उसकी दादागिरी और उसके बढ़ा-चढ़ाकर किए जाने वाले नौवहन संबंधी दावों को चुनौती देने के लिए दबाव बनाने और दबाव बढ़ाने के तरीके तलाशने की जरूरत है.'

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