यूरोपीय संघ की कंपनियों के बोर्डरूम में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बहुत कम
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बड़ी लिस्टेड कंपनियों के बोर्डरूम में महिलाओं की मौजूदगी के मामले में फ्रांस यूरोपीय संघ के देशों से आगे है. ईयू के आठ देशों ने ही लिस्टेड कंपनियों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अनिवार्य लैंगिक कोटा का नियम लागू किया है.यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला फॉन डेय लाएन कंपनियों के बोर्ड में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं. इसके लिए वह 2012 से अटके महिला कोटा से जुड़े एक प्रस्ताव का रास्ता साफ करने में लगी हैं. जर्मनी इस कोटा का विरोध करने वाले यूरोपीय संघ के देशों में है. लेकिन बर्लिन में आई नई सरकार अब इस मामले को नए सिरे से जांच रही है. क्या है यह प्रस्ताव यूरोपीय आयोग 2012 में ने एक प्रस्ताव रखा जिसमें कहा गया था कि ईयू में लिस्टेड कंपनियां अपनी गैर-कार्यकारी बोर्ड सीटों में कम-से-कम 40 फीसदी जगह महिलाओं को दें. अगर एक समान योग्यता वाले लोग एक ही नौकरी के लिए आवेदन देते हैं, तो कोटा का निर्धारित लक्ष्य पूरा करने के लिए महिला उम्मीदवार को प्राथमिकता दी जाए. क्योंकि कंपनियों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम है.