अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के मामले में दोषी पूर्व पुलिस अधिकारी डेरेक शॉविन को 22 साल की सजा सुनाई गई है। पिछले साल जॉर्ज की मौत पर पूरे अमेरिका में जमकर हंगामा हुआ था और कई शहरों में दंगे हुए थे।
डेरेक ने जॉर्ज फ्लॉयड (46) नाम के अश्वेत युवक की गर्दन अपने घुटने से 9 मिनट 29 सेकंड तक दबाकर उसे मार डाला था। इस घटना ने अमेरिका समेत पूरी दुनिया का विवेक हिला दिया और नस्ली न्याय के लिए लाखों लोग सड़कों पर उतर पड़े। अप्रैल 2021 में इस जघन्य वारदात के लिए पूर्व अधिकारी डेरेक शॉविन को दोषी करार दे दिया गया था
इस घटना को लेकर एक वीडियो भी वायरस हुआ था। वीडियो में स्पष्ट सुना जा सकता था कि अफ्रीकी मूल के अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड ने 20 से ज्यादा बार पुलिस अफसर से कहा था, 'मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं'।
45 वर्षीय पुलिस अफसर शॉविन पर आरोप लगाया गया कि पिछले साल मई में मिनेपोलिस में उन्होंने एक निहत्थे और अश्वेत शख्स को गर्दन दबाकर मारा जिसके बाद अमेरिका समेत पूरी दुनिया में नस्लवाद और पुलिस दुर्व्यवहार पर विरोध प्रदर्शन हुए। यहां तक कि कई इतिहास पुरुषों की मूर्तियां भी उखाड़ फेंकी गईं।
अ12 सदस्यीय ज्यूरी ने तीन सप्ताह चली सुनवाई में शॉविन को तीन आरोपों के तहत दोषी करार दिया था। ये मामले हत्या (मैन स्लॉटर), दूसरी डिग्री की हत्या और तीसरी डिग्री की हत्या के थे। फैसले के बाद शॉविन की जमानत तुरंत रद्द कर दी गई और उन्हें हिरासत में ले लिया गया था।
ज्यूरी को भेजा गया था मामला
जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के मामले में पूर्व पुलिस अधिकारी डेरेक चाउविन के खिलाफ हत्या का मामला ज्यूरी को भेजा गया था। पिछले साल चाउविन द्वारा अश्वेत नागरिक फ्लॉयड की गर्दन को घुटने से दबाये जाने के बाद दम घुंटने से उसकी मौत हो गई थी, जिसका वीडियो सामने आने के बाद अमेरिका में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे।
लोगों में फिर से नाराजगी उभरने के बाद इस मामले को ज्यूरी को भेजने का फैसला लिया गया। ज्यूरी में छह श्वेत लोग और छह अश्वेत लोग शामिल थे। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष का तर्क था कि पिछले साल मई में चाउविन ने फ्लॉयड के जीवन को इस तरह से छीन लिया कि एक बच्चा भी जानता है कि वह तरीका गलत था।
हालांकि, बचाव पक्ष ने दावा किया था कि सेवा से बर्खास्त किए जा चुके श्वेत अधिकारी ने उचित कार्रवाई की थी और 46 वर्षीय फ्लॉयड की हृदय संबंधी बीमारी और नशीली दवाओं के अवैध इस्तेमाल से मौत हुई थी।