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वेरिएंट से पूरी दुनिया में खलबली मची, व‍िशेषज्ञों से जाने कैसे होगी वायरस की पहचान

Neha Dani
7 Dec 2021 9:45 AM GMT
वेरिएंट से पूरी दुनिया में खलबली मची, व‍िशेषज्ञों से जाने कैसे होगी वायरस की पहचान
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तो यह संभव हो कि कई वैक्‍सीन पर प्रभावकारी नहीं हो।

कोरोना वायरस के खतरनाक वैरिएंट ओमिक्रोन ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। कोरोना का यह सबसे खतरनाक वैरिएंट बताया जा रहा है। ओमिक्रोन की सबसे पहले पहचान दक्षिण अफ्रीका में हुई, लेकिन अब कोरोना वायरस का ये खतरनाक वैरिएंट भारत समेत यूरोप और एशिया में अपना पांव पसार चुका है। इसके बाद इस वैरिएंट से पूरी दुनिया में खलबली मच गई है। यह भी कहा जा रहा है कि नए वैरिएंट के लिए एक नई वैक्‍सीन की तैयारी चल रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्‍या पुराना टीका इस वैरिएंट पर कम असरदार है? इन सब मामलों में वैज्ञानिकों एवं डाक्‍टरों की क्‍या राय है ? इसकी जांच कैसे होती है और इसके लक्षण क्‍या हैं ?

कितनी कारगार है वैक्‍सीन
1- आक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्‍सीलोजी की प्रोफेसर डेम सारा गिल्‍बर्ट का कहना है कोरोना का यह वैरिएंट थोड़ा भिन्न है। इससे हो सकता है कि वैक्सीन से बनने वाली एंटीबाडी या दूसरे वैरिएंट के संक्रमण से बनने वाली एंटीबाडी ओमिक्रोन के संक्रमण को रोकने में कम प्रभावी हो, लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं कि वैक्सीन प्रभावी नहीं है। गिल्‍बर्ट का कहना है कि कोरोना के बाद भविष्‍य में आने वाली महामारी ज्‍यादा खतरनाक हो सकती है। उन्‍होंने कहा कि कोरोना के दौरान हमनें जो गलतियां की हैं उनसे हमें सबक लेकर भविष्य में बेहतर तैयारियों के साथ ऐसी महामारियों से लड़ने के लिए तैयार रहना होगा। उन्‍होंने कहा कि दुनिया को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोरोना के दौरान समय को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए और अगले वायरस के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो।
2- एम्‍स प्रमुख डाक्‍टर गुलेरिया ने रविवार को समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा ओमिक्रोन के 30 से ज्यादा म्‍यूटेशन हो चुके हैं। यह म्‍यूटेशन या बदलाव वायरस के स्पाइक प्रोटीन क्षेत्र में हुए हैं। उन्होंने कहा कि वायरस के स्पाइक प्रोटीन वाले क्षेत्र में म्यूटेशन होने से ओमिक्रोन वैरिएंट ऐसी क्षमता विकसित कर सकता है, जिसमें कि वह इम्‍युनिटी से बच सकता है। इसका मतलब है कि टीके या दूसरी वजहों से पैदा हुई शरीर की प्रतिरोधी क्षमता का उस पर असर नहीं पड़े। गुलेरिया ने कहा कि ऐसे में दुनिया के सभी को कोरोना वैक्‍सीन की समीक्षा करनी पड़ेगी। उन्‍होंने कहा कि यह इसलिए जरूरी है क्योंकि अधिकतर वैक्सीन इस प्रोटीन से जूझने वाले एंटीबाडी विकसित करते हैं। उन्‍होंने आगे कहा कि इसी आधार पर वैक्सीन काम करती है। एम्‍स प्रमुख ने कहा कि ओमिक्रोन म्‍यूटेशन कर रहा है यानी अपना रूप तेजी से बदल रहा है तो यह संभव हो कि कई वैक्‍सीन पर प्रभावकारी नहीं हो।


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