टीकाकरण को लेकर विकसित व विकासशील देशों की तुलना में गरीब देशों में झिझक कम है। एक नए अध्ययन के बाद शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है। नेचर मेडिसिन नाम के जर्नल में प्रकाशित इस शोध के मुताबिक एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के कई निम्न व मध्यम आय वाले देशों लोगे टीकाकरण को लेकर अधिक सजग हैं और उनमें भ्रम की स्थिति कम है। वहीं यूरोपीय देश अधिक से अधिक लोगों को टीकाकरण में शामिल करने के लिए प्रोत्साहन व सजा का फंडा अपना रहे हैं।
शोध के मुताबिक निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों में 91 फीसदी लोग मानते हैं कि टीकाकरण जरूरी है और इसको लेकर उनके मन में बहुत अधिक भ्रम नहीं है। वे पूरी तरह स्पष्ट हैं कि कौन सा टीका लगवाना है और समझते हैं कि टीके का कोई दुष्प्रभाव नहीं है। यहां पर सिर्फ 44 फीसदी लोग ही टीके से पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों के बारे में सोचते हैं लेकिन ये लोग टीका लगवाने से झिझकते नहीं। शोध में जून 2020 से जनवरी 2021 तक के आंकड़ों को आधार बनाया गया है।
टीके के सभी सवाल सिर्फ स्वास्थ्य कर्मियों से
शोध के मुताबिक, इन देशों के लोग टीके से जुड़े तमाम सवालों को लेकर सिर्फ स्वास्थ्य विभाग के लोगों की राय ही लेते हैं और उस पर भरोसा करते हैं। यही कारण है कि इन देशों में झिझक काफी कम है। यह शोध तक आया है जब इन देशों तक टीकों की पहुंच सीमित है।
गरीब देशों में पहले टीके पहुंचे तो जल्द हासिल होगा वैश्विक लक्ष्य
शोधकर्ताओं का मानना है कि अगर इन देशों में टीके पहले पहुंचते हैं तो वैश्विक टीकाकरण के लक्ष्य को जल्द हासिल किया जा सकता है। यहां पर टीकों का महत्व लोग अच्छे से समझ रहे हैं ऐसे में यहां जल्द से जल्द लोगों को टीका लगाया जा सकता है।
ये संस्थान सर्वे में शामिल
इंटरनेशनल ग्रोथ सेंटर, इनोवेशंस फॉर पोवर्टी एक्शन, डब्ल्यूजेडबी बर्लिन सोशल साइंस सेंटर, द येल इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ, द येल रिसर्च इनिशिएटिव ऑन इनोवेशन एंड स्केल और मास्को की एचएसई यूनिवर्सिटी इस सर्वे में शामिल हुए।
यूरोपीय देशों में टीकाकरण को किया अनिवार्य
डेल्टा पर लगाम कसने और अधिक से अधिक लोगों को टीकाकरण में शामिल करने के लिए यूरोपीय देश प्रलोभन और सजा का फंडा अपना रहे हैं। यहां लोगों को टीका लगवाने पर तोहफे देने से लेकर वैक्सीन की डोज समय पर नहीं लेने वालों को जुर्माने की सजा भी दी जा रहा है। सबसे पहले यह नीति ग्रीस ने अपनाई।
वहां शुक्रवार को एलान किया गया कि सिर्फ टीकाकरण प्रमाणपत्र वालों को ही रेस्टोरेंट, बार, कैफे और सिनेमाघरों में प्रवेश मिलेगा। वहीं इन जगहों में घुसने के लिए बच्चों की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य होगा। इसी तरह रूस की राजधानी मॉस्को में भी इस तरह की पाबंदियों को लागू किया गया है। यहां भी रेस्टोरेंट मालिकों को निर्देश जारी किए गए हैं। जिसमें साफ है कि सिर्फ टीकाकरण कराने वालों को ही प्रवेश दिया जाए। इसी तरह इटली, फ्रांस और ग्रीस ने खास पेशों के लिए टीकाकरण को अनिवार्य किया है।