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उत्तरी आयरलैंड की 90 साल की एक महिला कोविड-19 से बचाव के लिए फाइजर/बायोएनटेक के निर्मित टीका |
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| उत्तरी आयरलैंड की 90 साल की एक महिला कोविड-19 से बचाव के लिए फाइजर/बायोएनटेक के निर्मित टीका लगवाने वाली दुनिया की पहली व्यक्ति बन गई हैं. मार्गरेट कीनान 'मैगी' को टीका लगाए जाने के साथ ही ब्रिटेन के इतिहास के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत भी हो गई.
मैगी को कोवेंट्री के स्थानीय अस्पताल में सुबह छह बजकर 31 मिनट पर नर्स मे पारसंस ने कोविड-19 का टीका लगाया. नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) ने इसे 'ऐतिहासिक पल' बताया. इस दिन को भयावह कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में 'वी-डे' या 'वैक्सिन डे' कहा जा रहा है. अगले हफ्ते 91 वर्ष की होने जा रही मैगी ने कहा, ''मुझे बहुत खास महसूस हो रहा है कि मैं ऐसी पहली व्यक्ति हूं जिसका कोविड-19 से बचाव के लिए टीकाकरण किया गया.
21 दिन बाद दूसरी खुराक दी जाएगी
समय से पहले मिला यह मेरे लिए जन्मदिन का सबसे अच्छा उपहार है क्योंकि इसका मतलब यह होगा कि अब अंतत: मैं अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर नववर्ष मना सकती हूं. इस लगभग पूरे साल मुझे अकेला ही रहना पड़ा.'' मैगी को अगली खुराक (बूस्टर डोज) के तौर पर दूसरा टीका 21 दिन बाद लगाया जाएगा. उन्होंने कहा, ''मेरी सलाह होगी कि जिसे भी टीका प्राप्त हो, वह उसे स्वीकार करे. यदि मैं 90 की उम्र में इसे लगवा सकती हूं तो आप भी लगवा सकते हैं.''
मैगी उन चुनिंदा लोगों में शामिल हैं जिनसे एनएचएस ने टीका लगाने के लिए पहले से संपर्क कर रखा था. उनके अलावा उत्तर-पूर्वी इंग्लैंड के भारतीय मूल के 87 वर्षीय हरि शुक्ला दुनिया के उन कुछ पहले लोगों में शामिल होंगे, जिन्हें कोविड-19 का टीका लगेगा. शुक्ला को न्यूकैसल में एक अस्पताल में 'फाइजर/बायोएनटेक' के विकसित टीका लगाया जाएगा. टाइन एंड वेयर के निवासी शुक्ला ने कहा कि उन्हें लगता है कि टीके की पहली दो खुराक लगवाना उनका कर्तव्य है.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस पल को '' एक बड़ी प्रगति'' बताया और ब्रिटेन में मंगलवार को ''वी-डे' या ''वैक्सीन डे'' होने की बात कही है. शुक्ला ने कहा, '' मैं बहुत खुश हूं कि अंतत: हम इस वैश्विक महामारी के अंत की ओर बढ़ रहे हैं और मैं खुश हूं कि टीका लगवा कर, मैं अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहा हूं. मुझे लगता है कि यह मेरा कर्तव्य है और मदद के लिए जो हो सकेगा वह मैं करूंगा.'' उन्होंने कहा, '' राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) के साथ लगातार सम्पर्क में रहने की वजह से, मुझे पता है कि उन सभी ने कितनी मेहनत की है और उन सभी के लिए बड़ा सम्मान है. उनका दिल बहुत बड़ा है और वैश्विक महामारी के दौरान हमें सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने जो कुछ भी किया, उसके लिए मैं आभारी हूं.''
मैगी और शुक्ला समेत कुछ लोगों को एनएचएस के ब्रिटेन की टीका व टीकाकरण संबंधी संयुक्त समिति के निर्धारित मानदंड के आधार पर चुना गया था. घातक वायरस से मौत का सबसे अधिक खतरा जिन लोगों को है, उसके आधार पर ही टीकाकरण किया जाएगा. सबसे पहले यह टीका 80 या उससे अधिक वर्ष के लोगों, स्वास्थ्य कर्मी सहित एनएचएस के कर्मियों को सबसे पहले लगेगा. प्रधानमंत्री जॉनसन ने कहा, '' आज, ब्रिटेन ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ा कदम उठाया है, क्योंकि हम देशभर में टीका भेजने वाले हैं. मुझे टीका विकसित करने वाले वैज्ञानिकों, 'ट्रायल' में हिस्सा लेने वाले लोगों और इसको लाने के लिए दिन-रात मेहनत करने वाले एनएचएस पर बहुत गर्व है.''
प्रधानमंत्री ने साथ ही इस बात के प्रति आगाह किया कि व्यापक स्तर पर टीकाकरण में अभी समय लगेगा और उन्होंने लोगों से तब तक सर्तक रहने और आने वाले ठंड के महीनों में भी लॉकडाउन के नियमों का पालन करने की अपील की. ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हेनकॉक ने कहा, ''आज के दिन 'वी-डे' को हम इस भयावह रोग से लड़ाई में एक महत्वपूर्ण पल के रूप में देखेंगे. मुझे गर्व है कि पूरे यूनाईटेड किंगडम में हमारी स्वास्थ्य सेवाओं ने हमारा अब तक का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है.''
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