कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप पर काबू पाने के लिए अभियान के तौर पर वैक्सीनेशन का काम जारी है। टीका लगाने के लिए चरणबद्ध तरीके से सबसे पहले हेल्थ वर्कर्स, फिर उम्र दराज लोगों को प्राथमिकता दी गई थी। इसके बाद युवाओं का टीकाकरण हुआ और अब बच्चों के लिए टीके की पहल इंडोनेशिया ने की है।
13 लाख बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य
देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 12 से 17 साल की उम्र के बच्चों के लिए बड़े पैमाने पर कोविड-19 टीकाकरण शुरू किया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को सेंट्रल जकार्ता के एक पब्लिक हाई स्कूल में टीकाकरण कार्यक्रम के दौरान लगभग सौ छात्रों को टीके का पहला डोज लगाया गया। शहर के प्रशासन ने करीब 13 लाख बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिन्हें स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों की मदद से टीका लगाया जाएगा। देश की नेशनल एजेंसी ऑफ ड्रग एंड फूड कंट्रोल द्वारा बीते महीने 20 जून को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए अनुमति जारी करने के बाद, अब 12 से 17 साल के बच्चे को सिनोवैक वैक्सीन लगाई जाएगी।
अभियान के तहत वैक्सीनेशन जारी
देश में एक जुलाई तक करीब 30.48 लाख लोगों को वैक्सीन का पहला डोज लगाया गया है। वहीं करीब 13.67 लाख अन्य लोगों ने अपनी वैक्सीन की दूसरी खुराक प्राप्त कर ली है। इंडोनेशिया ने मार्च 2022 तक देश के करीब 18 करोड़ 15 लाख लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो की देश की आबादी का करीब 70 फीसदी हिस्सा है। ताजा जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक देश में अभी तक कोरोना के करीब 22 लाख 3हजार 108 मामले सामने आए हैं, वहीं संक्रमण के मरने वालों की संख्या करीब 58हजार 995 है।
इंडोनेशिया में हेल्थ वर्कर्स का जनवरी में टीकाकरण शुरू हुआ
गौरतलब है कि, इंडोनेशिया में प्राथमिकता के हिसाब से हेल्थ वर्कर्स का जनवरी में टीकाकरण शुरू हुआ था। इंडोनेशियाई मेडिकल एसोसिएशन ने उस बयान जारी करते हुए बताया था कि, सभी को चीन की बायोफार्मास्युटिकल कंपनी सिनोवैक द्वारा विकसित कोविड-19 वैक्सीन लगाई जा रही है। अब सिनोवैक को ही बच्चों के टीकाकरण क लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसी महीने सिनोवैक के आपातकालीन इस्तेमाल को अनुमति दी थी। साथ ही बताया था कि परीक्षण से पता चला है कि वैक्सीन ने करीब 51फीसदी लोगों में संक्रमण को गंभीर स्थिति में पहुंचने से रोका है।