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दुबई के सरकारी कार्यालयों में कागज का इस्तेमाल बंद, सालाना बचेंगे इतने करोड़

Neha Dani
13 Dec 2021 8:21 AM GMT
दुबई के सरकारी कार्यालयों में कागज का इस्तेमाल बंद, सालाना बचेंगे इतने करोड़
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लेकिन साइबर हमले की आशंका से उनके लिए पूरी तरह से डिजिटाइजेशन होना मुश्किल हो गया है.

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में दुबई (Dubai) ने ऐसा कदम उठाया है, जिसकी हर तरफ तारीफ हो रही है. दुबई सरकार दुनिया में पहली ऐसी सरकार बन गई है जो पूरी तरह पेपरलेस (Paperless) है. यानी अब वहां कागज पर कोई काम नहीं होगा. दुबई के सभी 45 सरकारी दफ्तरों का कामकाज अब पूरी तरह से डिजिटल हो गया है. क्राउन प्रिंस शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मख्तूम (Mohammed Bin Rashid Al Maktoum) ने इसकी घोषणा करते हुए बताया कि इससे करोड़ों अमेरिकी डॉलर और श्रम-घंटों की बचत होगी.

इस तरह होगा फायदा
हमारी सहयोगी वेबसाइट DNA में छपी खबर के अनुसार, पेपरलेस गवर्नेंस के चलते 33.6 करोड़ पेपरशीट की सालाना बचत होगी. साथ ही, दुबई सरकार इस पहल के बाद से हर साल लगभग 2700 करोड़ रुपए बचा पाएगी. इसके अलावा, इस फैसले से लगभग 14 लाख मानव श्रम घंटों की भी बचत होने जा रही है. दुबई में सरकारी कामकाज को पेपरलेस बनाने की शुरुआत 2018 में ही शुरू हो गई थी.
'नए युग की शुरुआत'
क्राउन प्रिंस शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मख्तूम ने शनिवार को पेपरलेस गवर्नमेंट का औपचारिक ऐलान किया. मख्तूम ने कहा, 'दुबई की विकास यात्रा के सभी पहलुओं में यह बड़ा दिन है. लोगों के जीवन को डिजिटल बनाने के लिए एक नए युग की शुरुआत है. यह पूरी तरह से एक अलग और नया जीवन होगा.' क्राउन प्रिंस ने कहा कि सरकार अगले 5 दशकों में दुबई में डिजिटल जीवन को ज्यादा सुविधाजनक और आधुनिक बनाने के लिए काम कर रही है.
इन देशों की राह में मुश्किलें
मख्तूम ने आगे कहा कि पूर्ण डिजिटल परिवर्तन सभी निवासियों के लिए स्मार्ट सिटी अनुभव को समृद्ध करेगा और कागजी लेनदेन एवं दस्तावेजों की आवश्यकता पूरी तरह से खत्म हो जाएगी. गौरतलब है कि अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा जैसे देश डिजिटाइजेशन की दिशा में तेजी बढ़ रहे हैं, लेकिन साइबर हमले की आशंका से उनके लिए पूरी तरह से डिजिटाइजेशन होना मुश्किल हो गया है.


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