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मुझे लगाता है कि COVAX के सामने सबसे बड़ी चुनौती अब तक फंड की कमी, सप्लाई की मुश्किल है।'
भारत (India) में कोरोना वायरस संक्रमण ( COVID-19) के कारण जारी संकट से कोवैक्स (COVAX) की सप्लाई बुरी तरह बाधित है। दुनिया के कई हिस्सों में हेल्थ वर्करों या फ्रंटलाइन वर्करों को कोरोना वैक्सीन की एक डोज मिली है और दूसरी डोज का अभी पता ही नहीं। यह बयान बाइडन प्रशासन (Biden administration) के शीर्ष अधिकारी ने गुरुवार को वहां के सांसदों के समक्ष दिया। अंतरराष्ट्रीय विकास के लिए अमेरिकी एजेंसी USAID के एडमिनिस्ट्रेटर सामंथा पावर (Samantha Power) ने कहा, 'भारत में जिस पैमाने पर महामारी का प्रकोप है उसका असर COVAX पर पड़ा है।'
वैक्सीन की किल्लत को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में पावर ने कहा, ' सीरम इंस्टीट्यूट ( Serum Institute of India) ने जून के अंत तक वैक्सीन के 140 मिलियन से अधिक खुराकों की सप्लाई करने का फैसला किया था लेकिन देश में उत्पन्न संकट को देखते हुए इसमें बदलाव करना पड़ा।' उन्होंने कहा, 'अब COVAX के लिए हमारे जैसे देशों से उम्मीद की जा रही है कि सप्लाई में योगदान करें।'
USAID के लिए 2022 के बजट को लेकर हो रही चर्चा के दौरान कोरोना वैक्सीन का यह मुद्दा उठा। पावर ने आगे कहा, 'फिलहाल सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि दुनिया के कई हिस्सों में अभी तक हेल्थ वर्करों समेत फ्रंटलाइन वर्करों को वैक्सीन की एक ही खुराक दी गई है और दूसरी खुराक मिल नहीं रही क्योंकि भारत से आने वाली वैक्सीन की सप्लाई को रोक दिया गया है क्योंकि वहां महामारी के कारण हालात बेकाबू हैं।' उन्होंने कहा, 'यह हमें देखना है कि दुनिया के सभी हेल्थवर्करों व फ्रंटलाइन वर्करों को वैक्सीन मिल सके। मुझे लगाता है कि COVAX के सामने सबसे बड़ी चुनौती अब तक फंड की कमी, सप्लाई की मुश्किल है।'
Neha Dani
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