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RUS के मुकाबले अकेला पड़ा US ! दोस्त सऊदी ने भी दिया झटका; 24 देश हो गए उनके खिलाफ

HARRY
20 Oct 2022 6:47 AM GMT
RUS के मुकाबले अकेला पड़ा US ! दोस्त सऊदी ने भी दिया झटका; 24 देश हो गए उनके खिलाफ
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क्या रूस के मुकाबले अमेरिका अकेला पड़ रहा है? हाल ही में ओपेक प्लस के 24 देशों की ओर से तेल उत्पादन में कटौती को लेकर जो फैसला लिया गया है, उससे यही सवाल उठता है। अमेरिका की ओर से तेल उत्पादन कम न करने की तमाम अपीलों को दरकिनार करते हुए सऊदी अरब के नेतृत्व वाले ओपेक देशों ने रूस के स्टैंड का ही साथ दिया है। इन देशों ने प्रति दिन 2 मिलियन बैरल तेल उत्पादन कम करने का फैसला लिया है। यही नहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सऊदी अरब को चेतावनी देते हुए उसके साथ रिश्तों की समीक्षा करने की बात कही है। लेकिन सऊदी अरब ने पीछे न हटने का ही संकेत दिया है।

इसके अलावा पाकिस्तान जैसे देश भी अब इस मसले पर सऊदी अरब का ही समर्थन कर रहे हैं। इस तरह रूस की लॉबी मजबूत होती दिख रही है और पावर गेम में अमेरिकी बैकफुट पर है। बुधवार को अमेरिकी प्रेस सचिव ने कहा कि जो बाइडेन सऊदी अरब के साथ रिश्तों की समीक्षा करने वाले हैं। यही नहीं उन्होंने कहा कि ओपेक और उसके सहयोगी देशों की ओर से तेल उत्पादन में कटौती का फैसला लेने एक गलती होगा और यह दूरगामी फैसला नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे रूसियों को ही फायदा होगा।

अमेरिका बोला- सीधे रूस की मदद करने वाला है फैसला

दुनिया भर में कच्चे तेल के दामों में कटौती के बीच इसी महीने ओपेक में शामिल 13 देशों और रूस के नेतृत्व वाले 11 देशों ने मिलकर कटौती का फैसला लिया है। कुल मिलाकर 24 देशों ने प्रति दिन 2 मिलियन बैरल उत्पादन कम करने का फैसला लिया है। कोरोना काल के बाद से तेल उत्पादन में यह अब तक की सबसे बड़ी कटौती होगी। अमेरिकी प्रेस सचिव कैरीन जीन ने कहा, 'ओपेक प्लस देशों ने बीते सप्ताह जो फैसला लिया है, वह रूसियों की मदद करेगा और अमेरिकी लोगों के हित प्रभावित होंगे। दुनिया पर इसका असर होगा।

उन्होंने कहा कि अमेरिका के अलावा यह कमजोर अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित करने वाला फैसला है। यह एक गलती है। बता दें कि तेल और गैस के दामों में लगातार गिरावट का हवाला देते हुए ओपेक प्लस देशों ने 5 अक्टूबर को यह फैसला लिया था। इस फैसले ने अमेरिका और सऊदी अरब के रिश्ते भी बिगाड़ दिए हैं, जो लंबे समय से एक-दूसरे को दोस्त करार देते रहे हैं। गौरतलब है कि ओपेक प्लस का गठन 2016 में हुआ था। इसमें ओपेक के 13 देश शामिल हैं और उससे बाहर के 11 देशों को भी जगह दी गई है, जिनका नेतृत्व रूस करता है।

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