अमेरिकी विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने कहा है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका के नेतृत्व की बहाली के लिए बाइडन प्रशासन के दृष्टिकोण में भारत सिर्फ एक भागीदार से अधिक है। उन्होंने बताया कि अमेरिका ने भविष्य में इस क्षेत्र की सुरक्षा के लिए सभी विकल्प खुले रखे हैं। वह भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का इच्छुक है।
पूर्वी एशियाई और प्रशांत मामलों के लिए सहायक विदेश मंत्री डेनियल क्रिटेनब्रिंक और दक्षिण-मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो सहायक सचिव डोनाल्ड लू ने बाइडन-हैरिस प्रशासन की हाल ही में जारी हिंद-प्रशांत रणनीति पर चर्चा की। उन्होंने खुले, जुड़े, समृद्ध, सुरक्षित और लचीले क्षेत्र की मजबूती पर जोर दिया।
लू ने कहा, भारत हमारे लिए सिर्फ एक भागीदार से बढ़कर है। हम इस क्षेत्र के किसी भी देश की तुलना में दैनिक आधार पर भारत के साथ अधिक निकटता से काम करते हैं। भारत से रणनीतिक रिश्तों पर बात करते हुए क्रिटेनब्रिंक ने कहा, दोनों पक्षों ने जटिल मुद्दों के बावजूद मेलबर्न में हुई क्वाड बैठक के दौरान आपसी हितों के मुद्दों पर बातचीत की। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने हिंद-प्रशांत सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति जताई।
भागीदारों के साथ काम के इच्छुक
डेनियल क्रिटेनब्रिंक और डोनाल्ड लू ने कहा, हम आपूर्ति शृंखला, ऊर्जा, वित्तपोषण बुनियादी ढांचे और व्यापार मुद्दों समेत कई मामलों पर भागीदारों के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं। लू ने कहा, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भारतीय सहयोगी पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका और अन्य भागीदारों दोनों को शामिल करने में बहुत रुचि रखते हैं।