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अफगानिस्तान के वास्ते अपना पद त्यागे अमेरिका के विशेष दूत खलीलजाद, जानें कौन लेगा उनकी जगह

Gulabi
19 Oct 2021 9:31 AM GMT
अफगानिस्तान के वास्ते अपना पद त्यागे अमेरिका के विशेष दूत खलीलजाद, जानें कौन लेगा उनकी जगह
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अमेरिका और तालिबान के बीच शांति वार्ता में खलीलजाद की अहम भूमिका रही है

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बताया कि अफगानिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष दूत जलमी खलीलजाद ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अब उनकी जगह राजनयिक थॉमस वेस्ट लेंगे. अमेरिका और तालिबान के बीच शांति वार्ता में खलीलजाद की अहम भूमिका रही है.


ब्लिंकन ने कहा कि जलमी खलीलजाद ने अफगानिस्तान के लिए विशेष दूत के पद से इस्तीफा दे दिया है. मैं दशकों तक अमेरिकी लोगों की सेवा करने के लिए उनका आभार व्यक्त करता हूं. उन्होंने बताया कि थॉमस वेस्ट अब अफगानिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष दूत होंगे. वेस्ट पहले, उप राष्ट्रपति की राष्ट्रीय सुरक्षा टीम और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का हिस्सा रह चुके हैं.

मौजूदा परिस्थितियों से निराश
अब वह राजनयिक प्रयासों का नेतृत्व करेंगे. दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो के सचिव तथा सहायक सचिव को सलाह देंगे और अमेरिका के साथ निकटता से समन्वय करेंगे. 'पॉलिटिको' के अनुसार, खलीलजाद ने अपने इस्तीफे में लिखा, 'अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच राजनीतिक व्यवस्था उस प्रकार से नहीं बनी जैसे कि सोचा गया था. इसके कारण बहुत जटिल हैं और मैं आने वाले दिनों या हफ्तों में इस पर अपने विचार साझा करूंगा.' उन्होंने कहा कि इससे आगे, अब मैं न सिर्फ इसपर चर्चा करूंगा कि क्या हुआ बल्कि इस पर भी चर्चा करूंगा कि आगे क्या किया जाना चाहिए.

पिछले साल आए थे भारत
अफगानिस्तान में अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि की भूमिका निभाने वाले जलमी खलीलजाद पिछले साल सितंबर में भारत आए थे. इस दौरान उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की और उन्हें दोहा में चल रही अफगान शांति वार्ता के बारे में जानकारी दी. इससे पहले भी वह भारत आए थे और उस समय जयशंकर के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से भी मुलाकात की थी. अमेरिकी सैनिकों की वापसी के अंतिम चरण में जिस ढंग से तालिबान ने हमले तेज किए और अफगान सैनिकों को खदेड़ दिया, उससे शांति वार्ता पूरी तरह से पटरी से उतर गई. तालिबान ने एक-एक करके सभी प्रांतों पर बंदूक के दम पर कब्जा कर लिया. अफगान राष्ट्रपति को भी जान बचाकर देश से भागना पड़ा.


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