रूस और यूक्रेन के बीच लगातार 18 वें दिन भी जंग जारी है। दोनों देश एक दूसरे के सामने झुकने के लिए तैयार नहीं हैं। कीव को तबाह करने के लिए रूस फाइनल तैयारी में लगा है। कई देशों द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद रूसी सैनिक यूक्रेन पर बम बरसाने से बाज नहीं आ रहे हैं। इस बीच मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी प्रशासन ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन के प्रवक्ता पर पाबंदी लगा दी है। वहीं इंटरनेशनल कोर्ट में भी रूस को घेरने की तैयारी हो रही है।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि मैंने यूक्रेन को अतिरिक्त हथियारों और उपकरणों के लिए 200 मिलियन डॉलर तक की निकासी को अधिकृत किया है। यूक्रेन को प्रदान की गई कुल अमेरिकी सुरक्षा सहायता 1.2 बिलियन डॉलर से अधिक हो जाएगी
यूक्रेन के अधिकारियों ने अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी, संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था को सूचित किया कि रूस जापोरीज्ज्या (Zaporizhzhya) परमाणु संयंत्र का पूर्ण नियंत्रण लेने की योजना बना रहा है। हालांकि अभी यह सिर्फ एक दावा है।
कीव इंडिपेंडेंट ने यूक्रेन के डिप्टी पीएम इरिना वीरेशचुक के हवाले से जानकारी दी कि यूक्रेन ने 12 मार्च को मानवीय गलियारों के माध्यम से 13,000 नागरिकों को निकाला, यह आंकड़ा एक दिन पहले की तुलना में दोगुना है।
यूक्रेन में रूस अभी पीछे हटने का नाम नहीं ले रहा है। कई शहरों पर रूसी सेना ने हमले और तेज कर दिए हैं। इस बीच यूक्रेन को हथियारों की मदद देने के लिए अमेरिका 20 करोड़ डॉलर जुटा रहा है।
रूस और यूक्रेन के बीच लगातार जारी जंग में दोनों देश एक दूसरे के सामने झुकने के लिए तैयार नहीं हैं। कीव को तबाह करने के लिए रूस फाइनल तैयारी में लगा है। वहीं रूसी सेना का कहना है कि यूक्रेन के कुछ शहरों में मानवीय स्थिति 'विनाशकारी' है।
एक समाचार एजेंसी ने बताया कि एक उपग्रह द्वारा ली गई नई तस्वीर में दिख रहा है कि मारियुपोल शहर में नागरिक बुनियादी ढांचे और इमारतों को व्यापक नुकसान पहुंचाया गया है। रूसी सेना ने मारियुपोल को एक सप्ताह से अधिक समय पहले घेर लिया था, और तब से लगातार उस पर गोलाबारी कर रही है।
आज, रूसी सेना ने एक मस्जिद पर गोलाबारी की, जिसमें 80 वयस्कों और बच्चों के साथ-साथ तुर्की के नागरिकों को भी शरण दी गई थी। मारियुपोल में कम से कम 1,582 नागरिक मारे गए हैं। लगातार हमलों के बावजूद, मारियुपोल अभी भी यूक्रेन के नियंत्रण में है।
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण करने के बाद 25 लाख यूक्रेन के नागरिक अपनी मातृभूमि से भाग गए हैं और दूसरे देशों में जाकर शरणार्थी बन गए हैं। राज्य सीमा रक्षक सेवा रिपोर्ट के मुताबिक सैकड़ों हजारों यूक्रेनी नागरिक अपने देश के लिए लड़ने को लौट रहे हैं। युद्ध की शुरुआत के बाद से लगभग 220,000 यूक्रेनी नागरिक यूक्रेन लौट आए हैं। उनमें से ज्यादातर पुरुष हैं।
आज पूरे यूरोप में प्रदर्शनकारियों ने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का विरोध किया और हजारों की संख्या में यूक्रेन के नागरिकों के साथ एकजुटता से एकत्र हुए। एम्स्टर्डम, बर्लिन, वारसॉ और पेरिस में लोगों ने बड़ी संख्या में पुतिन का विरोध किया।