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US राष्‍ट्रपति चुनाव: 15 अक्टूबर को होने वाली दूसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई रद्द

Rounak Dey
10 Oct 2020 2:17 AM GMT
US राष्‍ट्रपति चुनाव: 15 अक्टूबर को होने वाली दूसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई रद्द
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अमेरिका में 15 अक्टूबर को होने वाली दूसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट रद्द कर दी गई है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| US President, Election, Donald Trump, Joe Biden, October 15, Second Presidential, Debate,अमेरिका में 15 अक्टूबर को होने वाली दूसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट रद्द कर दी गई है. कमीशन ऑन प्रेसिडेंशियल डिबेट्स ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बिडेन के बीच होने वाली डिबेट को रद्द करने का फैसला किया है. अब तीसरी और आखिरी डिबेट का आयोजन 22 अक्टूबर को होगा.

कमीशन ऑन प्रेसिडेंशियल डिबेट्स ने एक बयान में कहा कि 15 अक्टूबर को कोई डिबेट नहीं होगी. सभी उम्मीदवारों ने उस दिन की अपनी योजनाओं के बारे में आयोग को सूचित कर दिया है. इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि वो 15 अक्टूबर को होने वाली दूसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट के लिए पूरी तरह से फिट हैं. जबकि दूसरी ओर डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन ने दूसरी डिबेट पर संशय व्यक्त किया था.

सोशल मीडिया पर आमने-सामने

दोनों पार्टी के उम्मीदवार सोशल मीडिया पर आमने-सामने हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर कहा कि ताजा सर्वे में उनकी लोकप्रियता बढ़ी है, जिससे जो बिडेन को खतरा है. डोनाल्ड ट्रंप ने एक इंटरव्यू में कहा कि अगर जो बिडेन चुनाव जीत जाएंगे तो एक महीने के अंदर ही कमला हैरिस सबकुछ अपने हाथ में ले लेंगी. ट्रंप ने कमला हैरिस को कम्युनिस्ट भी करार दिया.

बीते दिनों अमेरिकी चुनाव के लिए वाइस प्रेसिडेंट के उम्मीदवारों के बीच डिबेट हुई, जिसमें कमला हैरिस और माइक पेंस आमने-सामने थे. इस डिबेट को लेकर काफी विवाद है, एक ओर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि कमला हैरिस डिबेट में नर्वस थीं और पूरी तरह से हार गईं. जबकि दूसरी ओर कई क्रिटिक्स ने माइक पेंस को डरा हुआ करार दिया.

अमेरिका में शुरुआत से ही राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच डिबेट का प्रावधान है. शुरुआत में ये दो पार्टियों के बीच समझौते के आधार पर होता था, इसके लिए रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स के बीच MoU भी साइन हुआ था. लेकिन 90 के दशक के दौरान एक कमीशन बना (कमिशन फॉर प्रेसिडेंशियल डिबेट्स) जिसके अंतर्गत अब सभी बहस होती हैं. हर बहस को अब स्पॉन्सर किया जाता है, यानी कोई भी बड़ा न्यूज चैनल, यूनिवर्सिटी, प्राइवेट कंपनी इस डिबेट को अपने स्थान, चैनल और एंकर से आयोजित करवा सकते हैं.

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