विश्व
भारत आ रहा है अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का खास आदमी, जानिए क्यों?
jantaserishta.com
1 April 2021 4:05 AM GMT
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पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन एक बड़ा चैलेंज बनकर उभरा है, जिससे निपटने के लिए वैश्विक लीडरशिप का एकजुट होना अत्यधिक आवश्यक है लेकिन बीते सालों में खासकर अमेरिका में हुए सत्ता परिवर्तन के कारण जलवायु परिवर्तन के लिए किए जा रहे वैश्विक प्रयासों में थोड़ी शिथिलता आई हुई है.
जैसे कि ट्रंप प्रशासन द्वारा खुद को पेरिस सम्मलेन से अलग कर लेना. लेकिन अब अमेरिका में दोबारा से सत्ता परिवर्तन हो चूका है, नए राष्ट्रपति जो बाइडेन पेरिस सम्मलेन को दोबारा से खड़ा करने में अपना सहयोग देने को लेकर कई बार प्रतिबद्धता जाहिर कर चुके हैं. इन्हीं सब परिस्थितयों में जो बाइडेन द्वारा जलवायु के मुद्दे पर चर्चा के लिए नियुक्त किए गए विशेष दूत जॉन केरी भारत आने वाले हैं.
जॉन केरी भारत के अलावा आबू धाबी भी जाएंगे और बांग्लादेश की राजधानी ढाका का भी दौरा करेंगे. अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट ने सूचना दी है कि जलवायु संकट पर बात करने के लिए जॉन केरी 1 अप्रैल से लेकर 9 अप्रैल के बीच आबू धाबू, नई दिल्ली और ढाका दौरे पर रहेंगे.
आपको बता दें कि 22 और 23 अप्रैल के दिन जलवायु पर लीडर्स समिट होने जा रहा है, इसके बाद इसी साल नवंबर महीने में यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज का कांफ्रेंस ऑफ पैरिस (COP26) भी होने जा रहा है. जिसमें अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भी भाग लेने वाले हैं. इन सब पर अमेरिकी राष्ट्रपति के जो विचार और महत्वाकांक्षाएं हैं उन्हीं पर बातचीत के लिए केरी इन देशों के दौरे पर हैं. .
केरी ने भी एक ट्वीट करते हुए है कि क्लाइमेट चेंज के संकट से किस तरह निपटा जाए इस विषय पर UAE, भारत और बांग्लादेश के साथ सार्थक चर्चा करने जा रहा हूं.
व्हाइट हाउस के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दुनिया भर के चालीस बड़े लीडर्स जिसमें कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं, को दो दिन के वर्चुअल क्लाइमेट समिट के लिए आमंत्रित किया है, जिसमें क्लाइमेट चेंज से निपटने के लिए आवश्यक आर्थिक और सामजिक पहलुओं पर बात की जाएगी. व्हाइट हाउस ने कहा है कि लीडर्स समिट और COP26 का उद्देश्य तापमान परिवर्तन को 1.5 डिग्री सेल्सियस के उद्देश्य से नीचे रखना है.
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