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अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन ने चीन पर नजर रखते हुए बड़े बिल पर किए हस्ताक्षर, हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए दिए 7.1 अरब डॉलर

Subhi
29 Dec 2021 1:09 AM GMT
अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन ने चीन पर नजर रखते हुए बड़े बिल पर किए हस्ताक्षर, हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए दिए 7.1 अरब डॉलर
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राष्ट्रपति जो बाइडन ने 2022 के लिए 76.8 अरब डॉलर के रक्षा खर्च विधेयक पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में संचालन के लिए 7.1 अरब डॉलर का खर्च भी शामिल है।

राष्ट्रपति जो बाइडन ने 2022 के लिए 76.8 अरब डॉलर के रक्षा खर्च विधेयक पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में संचालन के लिए 7.1 अरब डॉलर का खर्च भी शामिल है। साथ ही चीन के संबंध में भव्य रणनीति विकसित करने का भी आह्वान किया गया है। इस बार अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा प्राथमिकताओं में चीन और रूस के साथ रणनीतिक प्रतिस्पर्धा भी शामिल है।

चीन और रूस से रणनीतिक प्रतिस्पर्धा को देखते हुए अमेरिकी विधेयक में हाइपरसोनिक हथियार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, 5-जी और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी प्रौद्योगिकियों को भी शामिल किया गया है। राष्ट्रपति द्वारा बिल पर हस्ताक्षर करने के बाद यह अब अमेरिका में कानून की शक्ल ले लेगा।
उन्होंने वित्तीय वर्ष 2022 के लिए राष्ट्रीय रक्षा पधिकरण अधिनियम (एनडीएए) पर दस्तखत किए। यह बजट पिछले साल के बजट की तुलना में करीब 5 फीसदी अधिक खर्च की अनुमति देता है।
यह विधेयक सैन्य न्याय प्रणाली में सुधार से लेकर सैनिकों के लिए कोविड-19 टीकाकरण संबंधी आवश्यकताओं तक के मुद्दों पर डेमोक्रेट-रिपब्लिकन के बीच गहन बातचीत का नतीजा है। यह अधिनियम सैन्य कर्मियों और उनके परिवारों को महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करता है और न्याय तक उनकी पहुंच बढ़ाता है।
द्विदलीय समर्थन से पारित हुआ
नया विधेयक इस महीने की शुरुआत में द्विदलीय समर्थन से पारित हुआ। डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्यों ने विधेयक के जरिये सैन्य न्याय प्रणाली में सुधार की सराहना की, जो यौन हमलों समेत अन्य अपराधों में सैन्य कमांडरों के हाथों से प्रभावी ढंग से अभियोजन अधिकार क्षेत्र ले लेगा। बिल में सैन्य प्रौद्योगिकियों पर अमेरिका व चीन के शोध-विकास की तुलना करने के लिए विश्लेषण की जरूरत पर भी जोर दिया गया है।
दक्षिणी अफ्रीकी देशों से हटाया यात्रा प्रतिबंध
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन आठ दक्षिणी अफ्रीकी से देशों - बोत्सवाना, दक्षिण अफ्रीका, मोज़ाम्बिक, ज़िम्बाब्वे, नामीबिया, इस्वातिनी, लेसोथो और मलावी पर यात्रा प्रतिबंध हटा दिया है। ओमिक्रॉन को देखते हुए लिया था फैसला

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