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अमेरिका: राष्ट्रपति जो बाइडन ने म्यांमार में सैन्य शासन के खिलाफ नए प्रतिबंध का दिया आदेश

Deepa Sahu
11 Feb 2021 1:49 AM GMT
अमेरिका: राष्ट्रपति जो बाइडन ने म्यांमार में सैन्य शासन के खिलाफ नए प्रतिबंध का दिया आदेश
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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को म्यांमार में सैन्य शासन के खिलाफ नए प्रतिबंध का आदेश दिया।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को म्यांमार में सैन्य शासन के खिलाफ नए प्रतिबंध का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि 'मैंने एक नए कार्यकारी आदेश को मंजूरी दी है, जो हमें सैन्य नेताओं द्वारा तख्तापलट करने, उनके व्यावसायिक हितों, साथ ही करीबी परिवार के सदस्यों पर कार्रवाई को मंजूरी देने में सक्षम बनाता है।'

बाइडन ने कहा कि 'आज मैं उन कार्रवाइयों की सीरीज की घोषणा करता हूं, जिन्हें हम तख्तापलट करने वाले सैन्य नेताओं पर लागू करने के लिए शुरू कर रहे हैं। साथ ही कहा कि, 'मैं फिर से म्यांमार की सेना से आह्वान करता हूं कि वे आंग सान सू की और राष्ट्रपति विन के साथ अन्य नेताओं, कार्यकर्ताओं और बंदियों को तुरंत रिहा करें।'
बाइडन ने आगे कहा कि 'वाशिंगटन इस हफ्ते के पहले दौर के लक्ष्यों की पहचान करेगा कि क्या करना है? इसमें मजबूत निर्यात नियंत्रण के साथ-साथ अमेरिकी परिसंपत्तियों को मुक्त करेगा, जो स्वास्थ्य, सिविल सोसाइटी और म्यांमार के लोगों को सीधे लाभ पहुंचाने वाले अन्य क्षेत्रों को बनाए रखते हुए म्यांमार सरकार को लाभ पहुंचाएगा।'
अमेरिकी राष्ट्रपति ने तख्तापलट का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा की भी निंदा की और इसे अस्वीकार बताया। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका अतिरिक्त उपायों को लागू करने के लिए तैयार है और अपने अंतरर्राष्ट्रीय सहयोगियों के साथ अन्य राष्ट्रों से इन प्रयासों में शामिल होने का आग्रह करने के लिए काम करेगा।
बाइडन ने म्यांमार की स्थिति को देखते हुए, इसे गहरी चिंता का विषय बताया। साथ ही कहा कि पिछले हफ्ते अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से म्यांमार सेना पर दवाब डालने को कहा था और म्यांमार में लोकतंत्र के समर्थन में एक मजबूत बयान जारी किया था।



तख्तापलट की बाइडन कर चुके हैं कड़ी आलोचना
बता दें कि म्यांमार में सेना द्वारा किए गए तख्तापलट को लोकतंत्र की ओर बढ़ते कदम पर सीधा हमला करार देते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस देश पर नए प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी थी। स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची समेत देश के शीर्ष नेताओं को सैना द्वारा हिरासत में लेने के बाद अमेरिका ने आलोचना की थी।
उन्होंने कहा था कि लोकतंत्र में सेना को जनता की इच्छा को दरकिनार नहीं करना चाहिए। लगभग एक दशक से म्यांमार के लोग चुनाव कराने, लोकतांत्रिक सरकार स्थापित करने और शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण को लेकर लगातार काम कर रहे हैं। इस प्रगति का सम्मान किया जाना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति ने वैश्विक समुदाय से भी आह्वान किया कि वे एक स्वर में म्यांमार की सेना पर दबाव डाले।


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