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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन कोरोना राहत पैकेज को रिपब्लिकंस के गढ़ से की शुरुआत

Deepa Sahu
17 Feb 2021 2:37 PM GMT
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन कोरोना राहत पैकेज को रिपब्लिकंस के गढ़ से की शुरुआत
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अपने 1.9 खरब डॉलर के कोरोना राहत पैकेज के पक्ष में जनमत

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: अपने 1.9 खरब डॉलर के कोरोना राहत पैकेज के पक्ष में जनमत बनाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन सीधे जनता के बीच गए हैं। सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य इस पैकेज को पास कराने की राह में रुकावट बने हुए हैं। इसे देखते हुए बाइडन ने बुधवार सुबह (भारतीय समय के अनुसार) विस्कोंसिन राज्य के मिलवाउकी शहर में जाकर एक टाउन हॉल (जन सभा) को संबोधित किया और सीधे लोगों के सवालों के जवाब दिए।

जानकारों ने ध्यान दिलाया है कि टाउन हॉल के लिए मिलवाउकी का चयन बाइडन ने सियासी कारणों से किया। विस्कोंसिन वह राज्य है, जहां नवंबर में हुए चुनाव में बाइडन की डेमोक्रेटिक पार्टी ने बहुत कम अंतर से जीत हासिल की। यहां के लोगों को बाइडन संदेश देना चाहते थे कि वे और उनकी पार्टी एक बड़ा राहत पैकेज ले आई है, लेकिन रिपब्लिकन उसे पास कराने में अडंगा डाल रहे हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी के रणनीतिकारों को उम्मीद है कि मुद्दे को सीधे जनता के बीच ले जाने से रिपब्लिकन सीनेटरों पर राहत पैकेज के समर्थन के लिए दबाव बनेगा।

डेमोक्रेटिक पार्टी का प्रोग्रेसिव धड़ा इस राहत के पैकेज के बिल को बिना किसी संशोधन के पारित कराने पर अड़ा हुआ है। गौरतलब है कि कुछ रिपब्लिकन सीनेटरों ने जो बाइडन से मुलाकात करके ये पेशकश की थी, अगर वे इस पैकेज के तहत अमेरिकी नागरिकों को मिलने वाली नकदी सहायता घटा दें, तो वे इसका समर्थन कर सकते हैं। बाइडन के पैकेज के तहत हर नागरिक को 1400 डॉलर देने का प्रस्ताव है। राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले रिपब्लिकन सीनेटरों ने अपने समर्थन के लिए ये रकम 600 डॉलर करने और 50 हजार डॉलर से ज्यादा सालाना आमदनी वाले लोगों को ये सहायता ना देने की शर्त लगाई थी।

कांग्रेस (संसद) के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव डेमोक्रेटिक पार्टी का बहुमत है। वहां इस पैकेज के अपने मूल रूप में पास होने की पूरी संभावना है। लेकिन मसला सीनेट का है, जहां किसी प्रस्ताव पर सीनेटर फिलीबस्टर कर सकते हैं। फिलीबस्टर एक खास प्रक्रिया है, जिसके लागू होने पर प्रस्ताव पारित होने के लिए 60 सदस्यों का समर्थन जरूरी हो जाता है। 100 सदस्यीय सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी के पास उप-राष्ट्रपति के निर्णायक वोट लेकर 51 वोट ही हैं।

प्रोग्रेसिव्स का कहना है कि इस बीच टेक्सास में असामान्य ठंड से पैदा हुई हालत ने भी जल्द सहायता की जरूरत पर जोर डाला है। टेक्सास राज्य के मध्य और दक्षिणी हिस्सों में इस समय असामान्य ठंड पड़ रही है। वहां रिकॉर्ड स्तर तक गिरे तापमान के बीच बिजली सप्लाई ठहर जाने से लोगों को भारी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार को बिजली की सप्लाई रुक जाने से 40 लाख घरों और कारोबारी संस्थानों को लंबे समय तक बिना बिजली के रहना पड़ा। उधर ऑरेगॉन राज्य में बर्फीले तूफान की वजह से बिजली चली गई, जिससे ढाई लाख लोगों ने कड़ी ठंड के बीच समय बिना बिजली के गुजारा।

डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रोग्रेसिव धड़े के नेताओं का कहना है कि ये हालत अमेरिका में ढहते इंफ्रास्ट्रक्चर की एक मिसाल है, जिसकी ये धड़ा पहले से चर्चा करता रहा है। हेल्थ केयर सिस्टम की बदहाली कोरोना महामारी में जाहिर हो चुकी है। इस हाल में लोगों को तुरंत सहायता पहुंचाना जरूरी है। बाइडन के कोरोना राहत पैकेज में नकद भुगतान के अलावा अमेरिका में न्यूनतम मजदूरी बढ़ा कर प्रति घंटा 15 डॉलर करना, किराये के मकानों से लोगों को निकालने पर नौ महीने के लिए रोक, बच्चों की देखभाल के लिए खास मदद, छात्रों के कर्ज की वसूली पर रोक और ब्याज से राहत, और बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने के उपाय शामिल हैं।

मिलवाउकी में जो बाइडन ने कहा, जो लोग आर्थिक रूप से पीड़ित हैं, उनकी मदद जरूरी है, ताकि देश में रोजगार का स्तर फिर से महामारी के पहले जितना हो पाए। उन्होंने कहा कि 15 डॉलर प्रति घंटा न्यूनतम मजदूरी से अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी, जिसका लाभ छोटे और बड़े कारोबारियों को भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि उनके पैकेज में छोटे कारोबारियों को आर्थिक मदद का प्रावधान है और इससे समाज को जोड़े रखने में मदद मिलेगी। पर्यवेक्षकों का कहना है कि बाइडन के राहत पैकेज को जनमत के बड़े हिस्से का समर्थन हासिल है। अब चूंकि बाइडन सीधे इस मुद्दे को जनता के बीच ले गए हैं, इसलिए इसका विरोध करना कई रिपब्लिकन सीनेटरों के लिए अब ज्यादा मुश्किल हो सकता है।


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