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अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने दिया भरोसा, बोले- परमाणु युद्ध की चिंता न करें लोग

Subhi
2 March 2022 12:50 AM GMT
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने दिया भरोसा, बोले- परमाणु युद्ध की चिंता न करें लोग
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राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि यूक्रेन पर रूसी हमले को लेकर पश्चिमी प्रतिशोध के बीच मॉस्को द्वारा अपने परमाणु निवारक को हाई अलर्ट पर रखने के बावजूद अमेरिकियों को परमाणु युद्ध के बारे में चिंता नहीं करनी चाहिए।

राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि यूक्रेन पर रूसी हमले को लेकर पश्चिमी प्रतिशोध के बीच मॉस्को द्वारा अपने परमाणु निवारक को हाई अलर्ट पर रखने के बावजूद अमेरिकियों को परमाणु युद्ध के बारे में चिंता नहीं करनी चाहिए। जब बाइडन से पूछा गया कि क्या अमेरिकी नागरिकों को परमाणु युद्ध छिड़ने के बारे में चिंतित होना चाहिए, बाइडेन ने कहा, 'नहीं'।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने पहले दिन में कहा था कि अमेरिका को इस समय अपने परमाणु चेतावनी स्तरों को बदलने का कोई कारण नहीं दिखता है। उन्होंने कहा, लेकिन यह भी याद रखना महत्वपूर्ण है कि पिछले कई महीनों और वर्षों के दौरान, जब रूस के साथ कई मुद्दों पर हमारी महत्वपूर्ण असहमति रही है, दोनों देश परमाणु उपयोग को लेकर मानते रहे हैं कि इसके नतीजे विनाशकारी होंगे।

उसने कई बार कहा है कि परमाणु युद्ध नहीं जीता जा सकता है और इसे कभी नहीं लड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, न तो अमेरिका और न ही नाटो की रूस के साथ संघर्ष की कोई इच्छा है और हमें लगता है कि परमाणु हथियारों के बारे में इस तरह की भड़काऊ बयानबाजी खतरनाक है। यह जोखिम बढ़ाती है, इससे बचना चाहिए और हम इसमें शामिल नहीं होंगे।

अनावश्यक व उकसावे वाला बयान : पेंटागन

पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने इस संबंध में पुतिन के बयान को अनावश्यक और उकसाने वाला बताया। उन्होंने कहा, हम उस घोषणा की समीक्षा और विश्लेषण कर रहे हैं। युद्ध के दिग्गज और सीनेट सशस्त्र सेवा समिति के सदस्य सीनेटर जोनी अर्न्स्ट ने परमाणु हथियारों पर उनकी टिप्पणियों के लिए पुतिन की खिंचाई की।

उन्होंने बताया, यह एक तबाही होगी और यह रूसी संघ का अंत होगा। दुनिया परमाणु युद्ध को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी। सीनेट सशस्त्र सेवा समिति के रैंकिंग सदस्य सीनेटर जिम इनहोफे ने पुतिन से परमाणु हमले और इस युद्ध को खत्म करने की अपनी धमकियों को वापस लेने की अपील की।

विदेशी छात्रों की निकासी में अमेरिकी एनजीओ कर रहा मदद

अमेरिका स्थित एक धर्मार्थ गैर-लाभकारी संगठन (एनजीओ) ने युद्ध से तबाह यूक्रेन में फंसे अंतरराष्ट्रीय छात्रों को निकटतम सीमा चौकी तक पहुंचाने और उनकी यात्रा के लिए भोजन और अन्य आवश्यक आपूर्ति की व्यवस्था करने में मदद के लिए एक हेल्पलाइन शुरू की है।

एक स्वतंत्र भागीदार संगठन 'सेवा यूरोप' और हिंदू स्वयंसेवक संघ (एचएसएस) वर्तमान में दस यूक्रेनी शहरों में काम कर रहे हैं। सेवा इंटरनेशनल की हेल्पलाइन पर अब तक 4000 से ज्यादा छात्र पंजीकरण करा चुके हैं। संगठन ने कहा, उसके स्वयंसेवक 400 और लोगों को निकालने के लिए ठोस प्रयास कर रहे हैं।

एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सेवा इंटरनेशनल ने भी यूक्रेनी राहत प्रयासों के लिए 10,000 अमेरिकी डॉलर जारी किए हैं और इस मानवीय संकट में फंसे लोगों की मदद के लिए फेसबुक पर धन जुटाने के वास्ते अभियान शुरू किया है। सेवा इंटरनेशनल, अमेरिका के अध्यक्ष अरुण कंकानी ने कहा, युद्ध क्षेत्र से जो संदेश और वीडियो मिल रहे हैं, वे लोगों के डर, चिंता व खतरे को दिखाते हैं क्योंकि वे सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिये प्रयासरत हैं।

यूक्रेन में युद्ध अपराधों की जांच करेंगे आईसीसी अभियोजक

अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत (आईसीसी) के मुख्य अभियोजक ने कहा कि उनकी यूक्रेन में मानवता के खिलाफ संभावित युद्ध अपराधों और अन्य अपराधों की जल्द से जल्द जांच शुरू करने की योजना है। अभियोजक करीम खान ने कहा कि जांच में रूसी हमले के पहले किए गए कथित अपराधों की जांच की जाएगी।

आईसीसी के मुख्य अभियोजक करीम खान ने कहा, हालिया दिनों में संघर्ष के विस्तार के मद्देनजर मेरा इरादा है कि इस जांच में यूक्रेन के किसी भी हिस्से में संघर्ष के किसी भी पक्ष द्वारा किए गए उन कथित अपराधों को भी शामिल किया जाएगा, जो मेरे कार्यालय के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।

अदालत ने रूस समर्थक यूक्रेनी प्रशासन द्वारा 2013-14 में कीव में किए गए यूक्रेन समर्थक प्रदर्शनों को हिंसक तरीके से दबाने से जुड़े अपराधों और क्रीमिया तथा पूर्वी यूक्रेन में कथित अपराधों की प्रारंभिक जांच पहले ही कर ली है।

तत्कालीन आईसीसी अभियोजक फतू बेंसूडा ने दिसंबर 2020 में कहा था कि जांच से संकेत मिले हैं कि यूक्रेन में मानवता के खिलाफ अपराध और युद्ध अपराध व्यापक स्तर पर किए गए हैं, जो अदालत के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। खान ने कहा, वे पुरानी जांच को भी दोबारा खोलना चाहते हैं।

जासूसी के आरोप में अमेरिका से रूस के 12 राजनयिक निष्कासित

अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में रूसी मिशन से 12 राजनयिकों को यह कहते हुए निष्कासित कर दिया है कि वे जासूसी गतिविधियों में शामिल हैं। मॉस्को ने इस कदम को शत्रुतापूर्ण कार्रवाई के रूप में बताया और कहा कि संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के मेजबान देश के रूप में अमेरिका ने प्रतिबद्धताओं को घोर उल्लंघन किया है। अमेरिकी मिशन ने कहा कि निष्कासन की प्रक्रिया कई महीनों से जारी थी।

यूक्रेन पर रूस के हमले के पांचवें दिन अमेरिकी प्रशासन ने यह कदम उठाया है। रूस के हमले की अमेरिका और कई अन्य देशों ने निंदा की है। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी मिशन की प्रवक्ता ओलिविया डाल्टन ने कहा कि अमेरिका ने यूएन और रूस के स्थायी मिशन को सूचित किया है

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