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यूक्रेन-रूस के बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन की नई चेतावनी, जर्मनी के चांसलर स्कोल्ज की मौजूदगी में कही बड़ी बात

Renuka Sahu
8 Feb 2022 2:39 AM GMT
यूक्रेन-रूस के बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन की नई चेतावनी, जर्मनी के चांसलर स्कोल्ज की मौजूदगी में कही बड़ी बात
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फाइल फोटो 

यूक्रेन व रूस के बीच गहराती युद्ध की आशंका को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस को फिर चेतावनी दी है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूक्रेन व रूस के बीच गहराती युद्ध की आशंका को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस को फिर चेतावनी दी है। जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के साथ सोमवार को व्हाइट हाउस में साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने एलान किया कि यदि रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो नार्ड 2 गैस पाइप लाइन को बंद कर दिया जाएगा।

रूस जहां यूक्रेन सीमा पर अपने सैन्य साजो सामान में लगातार इजाफा कर रहा है वहीं पश्चिमी देश यूरोप में जंग टालने के प्रयासों में जुटे हैं। जर्मन के नए नेता स्कोल्ज के साथ आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाइडन ने कहा कि यदि रूसी सेना ने यूक्रेन सीमा पार की तो एक दशक पुरानी यह पाइप लाइन बंद कर दी जाएगी। बाइडन जर्मनी से रूस तक पाइप लाइन की इस परियोजना के लंबे समय से विरोधी रहे हैं।
बाइडन ने इसके साथ ही रूस के खिलाफ जर्मनी से सहयोग पर भी जोर दिया। रूस के खिलाफ जर्मनी के रुख को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इसलिए बाइडन व स्कोल्ज की यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है।
बाइडन ने रूस को चेतावनी देते हुए साफ शब्दों में कहा, 'यदि रूस ने आक्रमण किया तो इसका मतलब होगा कि टैंक फिर यूक्रेन सीमा पार करेंगे तो फिर नार्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइप लाइन नहीं रहेगी। हम इसे नहीं रहने देंगे।' यह पूछने पर जर्मनी के नियंत्रण वाली इस परियोजना को कैसे बंद करेंगे? बाइडन ने कहा, 'हम इसे बंद करने में समर्थ होंगे'।
यूक्रेन पर हमारा समान रुख : स्कोल्ज
स्कोल्ज ने कहा, 'अमेरिका व जर्मनी का यूक्रेन, रूस व पाबंदियों को लेकर समान दृष्टिकोण है। हालांकि स्कोल्ज ने नार्ड 2 पाइप लाइन बंद करने को लेकर सीधा जवाब नहीं दिया न ही इस परियोजना का सार्वजनिक रूप से नाम लिया। स्कोल्ज एक दिनी यात्रा पर अमेरिका पहुंचे थे।
बड़ा सवाल है नार्ड 2 गैस परियोजना बंद करना
रूस व जर्मनी की 11 अरब डॉलर की इस महत्वपूर्ण परियोजना को बंद किया जा सकेगा या नहीं यह अमेरिका व जर्मनी में बड़ा सवाल बनकर उठा है। रूस को यूक्रेन मामले में पीछे हटाने के लिए ये दोनों पुरजोर कोशिश में जुटे हैं। अमेरिका व जर्मनी ही नाटो का भी नेतृत्व कर रहे हैं। हालांकि रूस यूक्रेन पर हमले की आशंकाओं को लगातार खारिज कर रहा है। स्कोल्ज को इस खतरे के वक्त सक्षम नेतृत्व नहीं करने के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। उन पर स्वदेश व विदेशों में भी सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में उन्होंने साफ कहा है कि यूक्रेन मामले में जर्मनी व अमेरिका का समान नजरिया है।
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