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प्रार्थना में विश्वास करते हैं और उनकी प्रार्थना में आप लोग शामिल हैं।
अपनों को खोने का दुख हकीकत में वही जानता है जिसने इसको झेला हो। अमेरिकी राष्ट्रपति उन्हीं लोगों में से एक हैं जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को एक-एक कर खोया है। गुरुवार को अपनों को खोने का दुख उनके चेहरे पर उस वक्त दिखाई दिया जब उन्होंने फ्लोरिडा में धराशायी हुई इमारत में घायल हुए, मृतक और अभी तक लापता हुए परिजनों के दर्द को कम करने के लिए उनके साथ इस दर्द को साझा किया। इस इमारत के मलबे से अब किसी के जिंदा बच निकलने की उम्मीद न के ही बराबर है। हालांकि बचावकर्मी अब भी मलबे से शवों और जिंदा लोगों की उम्मीद में लगातार तलाश जारी रखे हुए हैं।
इस हादसे के पीडि़त कुछ लोगों से उनके दर्द को साझा करते हुए राष्ट्रपति बाइडन की आवाज में उनके लिए अपनेपन का अहसास साफतौर पर दिखाई दे रहा था। उन्होंने इन लोगों को सांत्वना देते हुए शांति के लिए प्रार्थना भी की। इस दौरान उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं कि मलबे से लोग जिंदा निकाले जा सकें। उन्होंने ये भी कहा कि वो उनके दुख दर्द को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। उनका ये वीडियो इस हादसे की पीडि़त एक महिला जैकलिन पटौका ने इंस्टाग्राम पर भी शेयर किया है। इस महिला की बच्ची और दूसरे परिवार के सदस्य इमारत के धराशायी होने के करीब एक सप्ताह बाद भी लापता हैं।
बाइडन के साथ पीडि़त परिजनों की मुलाकात के दौरान कुछ दूसरी पब्लिक फीगर भी वहां पर मौजूद थी। इनमें से कुछ ऐसे भी थे जो बाइडन से काफी करीब से जुड़े हैं। आपको बता दें कि राष्ट्रपति बाइडन की पहली पत्नी और एक बच्ची की मौत एक सड़क हादसे में हो गई थी। जबकि उनके एक बेटे को ब्रेन कैंसर हो गया था। राष्ट्रपति बनने के अपने पहले ही टर्म में उन्हें कोविड-19 से होने वाली मौतों का भी दुख झेलना पड़ा है। फ्लोरिडा के हादसे में मारे गए लोगों और उनके परिजनों के लिए शांति की प्रार्थना करने के दौरान उन्होंने कोरोना महामारी में मारे गए छह लाख लोगों को भी याद किया। उन्होंने कहा कि ये उनके लिए भी बेहद मुश्किल घड़ी है।
पीडि़तों से मुलाकात के दौरान ऐसे पल भी आए जब वो काफी भावुक हो गए और उनकी आवाज काफी भारी हो गई। उन्होंने कहा कि वो उसदर्द को महूसस कर सकते हैं जो इंतजार करने से होता है। ये वक्त बेहद मुश्किल होता है। पीडि़त परिजनों के साथ अपने तीन घंटे की मुलाकात के दौरन उन्होंने अधिकतर लोगों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी।। उन्होंने कहा कि इंतजार, इंतजार और इंतजार के पल बर्दाश्त के बाहर होते हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इस हादसे में अपनों को खोया है उन्हें अब उनकी यादों के सहारे ही जीना होगा। उन्होंने ये भी कहा कि पीडि़त परिजनों के ऊपर दबाव और परेशानी बढ़ गई है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि वो प्रार्थना में विश्वास करते हैं और उनकी प्रार्थना में आप लोग शामिल हैं।
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