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अमेरिकी संसद ने प्रख्यात कर्नाटक संगीतकार अवसरला कन्याकुमारी के योगदान को स्वीकारा

Neha Dani
10 Aug 2021 5:41 AM GMT
अमेरिकी संसद ने प्रख्यात कर्नाटक संगीतकार अवसरला कन्याकुमारी के योगदान को स्वीकारा
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आठ साल की उम्र में वायलिन वादक के तौर पर अपने संगीतमय जीवन की शुरुआत की थी।

अमेरिका में एक शीर्ष भारतवंशी सांसद ने अवसरला कन्याकुमारी को एक बेहतरीन संगीतकार बताया और कहा कि शीर्ष वायलिन वादक ने कर्नाटक संगीत परंपरा की खूबसूरती को दुनिया भर के संगीत प्रेमियों के साथ साझा किया है।

भारतवंशी अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा, ''कन्याकुमारी संगीत की एक शानदार दूत हैं, जिन्होंने दुनिया भर के संगीत प्रेमियों के साथ कर्नाटक संगीत परंपरा की खूबसूरती को साझा किया।'' प्रतिनिधि सभा में अपने संबोधन में कृष्णमूर्ति ने कहा कि वह चार जुलाई के कन्याकुमारी और उनके शिष्यों के कार्यक्रम से बेहद प्रभावित हुए।
उन्होंने कहा, ''कन्याकुमारी को कर्नाटक संगीतकारों की अगली पीढ़ी को तैयार करने की उनकी प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है। वह अपनी प्रतिभा को निखारने में अपने शिक्षकों के योगदान को सम्मानित करने और उनके प्रति आभार जताने के लिए बिना किसी शुल्क के अपनी सेवाएं देती हैं।''
प्रख्यात वायलिन वादक,संगीतकार एवं भारतीय कर्नाटक संगीत परंपरा में गुरु,कन्याकुमारी के जीवन और प्रतिभा को सम्मानित करने की इच्छा व्यक्त करते हुए भारतवंशी अमेरिकी सांसद ने कहा कि भारत सरकार ने भारतीय संगीत और संस्कृति के क्षेत्र में उनकी प्रतिभा और योगदान को देखते हुए उन्हें 2015 में पद्म श्री से सम्मानित किया। इसके अगले वर्ष, कन्याकुमारी को तमिलनाडु की राज्य सरकार ने कलैमामणि पुरस्कार और मद्रास संगीत अकादमी ने प्रतिष्ठित संगीत कलानिधि पुरस्कार से सम्मानित किया।
आंध्र प्रदेश के गुंटूर शहर में जन्मी कन्याकुमारी ने आठ साल की उम्र में वायलिन वादक के तौर पर अपने संगीतमय जीवन की शुरुआत की थी।

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