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अमेरिका: डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ दूसरी बार महाभियोग की कार्यवाही पर वकील ने कहा- 'नहीं भड़काई हिंसा'
Deepa Sahu
10 Feb 2021 2:02 AM GMT
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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ सीनेट में दूसरी बार महाभियोग ट्रायल की शुरुआत मंगलवार दोपहर को हुई।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ सीनेट में दूसरी बार महाभियोग ट्रायल की शुरुआत मंगलवार दोपहर को हुई। महाभियोग के तहत उनपर चुनाव के परिणाम को पलटने के लिए छह जनवरी को अमेरिकी कैपिटल (संसद भवन) में दंगा भड़काने का आरोप लगाया गया है। इसके साथ ही डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्यों ने दावा किया कि वे सीनेट को पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ कुछ नए 'विनाशकारी सबूत' देंगे। जिससे साबित होगा कि पूर्व राष्ट्रपति के इशारों पर ही छह जनवरी को कैपिटल इमारत में हिंसा भड़की थी।
वहीं, ट्रंप के वकीलों की दलील है कि ट्रंप ने समर्थकों की रैली को संबोधित करने के दौरान लोगों को दंगे के लिए नहीं भड़काया। बचाव पक्ष के वकीलों ने आरोप लगाया है कि सदन के महाभियोग प्रबंधक घंटे भर लंबे ट्रंप के भाषण में से सिर्फ उन्हीं हिस्सों को ले रहे हैं जो डेमोक्रेटिक पार्टी के मामले के लिए मददगार हैं। वकीलों ने रेखांकित किया कि ट्रंप ने बार-बार अपने समर्थकों से अपील की, वे शांतिपूर्ण और देशभक्त तरीके से अपनी आवाज उठाएं।
महाभियोग कार्यवाही की शुरुआत
मैनेजरों द्वारा एक वीडियो प्रस्तुत करने के साथ महाभियोग का परीक्षण शुरू हुआ, इसमें कैपिटल में 6 जनवरी के दंगों के ग्राफिक चित्र थे। कुछ वीडियो क्लिप में एक साथ 100 सीनेटर हैं, जिनमें कुछ ने कोरोना के कारण मास्क पहना था। वीडियो में दिख रहा है कि वे अपनी सीट पर बैठे थे, वे दंगाइयों को देखते रहे, जिसने पुलिस पर हमला किया और देशद्रोह और देशद्रोही के नारे लगाए।
वकीलों की दलीलों पर दिया जवाब
डेमोक्रेटिक महाभियोग प्रबंधक और रिपब्लिकन सांसद डेविड सिसिलिन ने ट्रंप के वकीलों की दलीलों का जवाब देते हुए कहा कि सीनेटरों को केस खारिज का अनुरोध स्वीकार नहीं करना चाहिए।
रिपब्लिनक सांसद बोले- 6 जनवरी की रात बुरे सपने की तरह
रिपब्लिकन प्रतिनिधि जो नेग्यूस ने महाभियोग के मुकदमे का समर्थन करते हुए सीनेटरों के लिए अपनी अंतिम याचिका सौंप दी। उन्होंने कहा कि आप में से हर एक की तरह, मैं भी 6 जनवरी को कैपिटल में था। मैं लीड मैनेजर रस्किन के साथ फर्श पर था। उन्होंने कहा कि उस दिन आपने क्या अनुभव किया, उस दिन हमने क्या अनुभव किया, उस दिन हमारे देश ने जो अनुभव किया, वह जीवन में सबसे बुरे सपने जैसा है।नेग्यूस ने कहा कि संविधान सदन में महाभियोग चलाने की शक्ति देता है। साथ ही कहा कि संविधान सीनेट को वर्तमान अधिकारियों और पूर्व अधिकारियों दोनों को अयोग्य घोषित करने की शक्ति देता है।
वकीलों की दलील- ट्रंप ने नहीं भड़काई हिंसा
इस सप्ताह शुरू होने वाली पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के महाभियोग मामले की सुनवाई को लेकर ट्रंप के वकीलों ने 78 पन्नों का ज्ञापन पेश किया। इसमें उन कानूनी और तथ्यात्मक दलीलों का विवरण दिया गया है जिन्हें वे सुनवाई के दौरान देना चाहते हैं। वकीलों की दलील है कि ट्रंप ने छह जनवरी को ट्रंप ने समर्थकों की रैली को संबोधित करने के दौरान लोगों को कैपिटल दंगे के लिए नहीं भड़काया।
बता दें कि महाभियोग के तहत ट्रंप पर छह जनवरी को कैपिटल हिल (अमेरिकी संसद भवन) में दंगा भड़काने का आरोप लगाया गया है। बचाव पक्ष के वकीलों ने आरोप लगाया है कि सदन के महाभियोग प्रबंधक घंटे भर लंबे ट्रंप के भाषण में से सिर्फ उन्हीं हिस्सों को ले रहे हैं जो डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए मददगार हैं।वकीलों ने रेखांकित किया कि ट्रंप ने बार-बार समर्थकों से शांतिपूर्ण और देशभक्त तरीके से आवाज उठाने की अपील की थी। उन्होंने दलील दी कि ट्रंप की टिप्पणी- 'यदि आप जी-जान से नहीं लड़ते हैं तो आप यह देश खोने जा रहे हैं', चुनाव सुरक्षा के सामान्य संदर्भ में थी, न कि हिंसा के आह्वान के लिए। वकीलों ने यह भी कहा कि कानून प्रवर्तकों ने पहले ही छह जनवरी को हिंसा का अंदेशा जताया था, लिहाजा ट्रंप खुद हिंसा के लिए नहीं उकसा सकते थे।
दलील रखने की प्रक्रिया शुरू
दलीलें रखने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। दोनों पक्षों को 16-16 घंटे दिए जाएंगे। इससे पहले राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया केवल तीन बार हुई, जिसमें एंड्रयू जॉनसन, बिल क्लिंटन और फिर पिछले साल ट्रंप को बरी कर दिया गया था।
महाभियोग असांविधानिक
ट्रंप के वकीलों की दलील यह भी है कि उन्हें संविधान के पहले संशोधन के तहत संरक्षण मिला हुआ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप पर महाभियोग चलाना असांविधानिक है, क्योंकि वे अब पद पर नहीं है। वकीलों की दलील है कि संविधान साधारण नागरिक के खिलाफ महाभियोग चलाने की शक्ति नहीं देता है। ऐसे में मुकदमे का कोई कानूनी आधार नहीं है।
ट्रंप प्रशासन के सभी अटॉर्नी को देना होगा इस्तीफा
अमेरिका में सत्ता हस्तांतरण को लेकर न्याय मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि विभाग उन सभी अटॉर्नी से इस्तीफे की मांग करेगा जिनकी नियुक्ति ट्रंप प्रशासन के दौरान हुई है। हालांकि बाइडन के बेटे हंटर बाइडन वाले टैक्स मामले की जांच करने वाले अटार्नी अपने पद पर बने रहेंगे। कार्यकारी अटार्नी जनरल मोंटी विलकिंसन ने डेलावेयर में अभियोजक कार्यालय के अटार्नी डेविड वीस से बात की और उनसे अपना काम जारी रखने को कहा। बता दें कि उनकी नियुक्ति मौजूदा राष्ट्रपति ने की थी, लेकिन उन्होंने बराक ओबामा के कार्यकाल में भी डिप्टी के तौर पर भी काम किया है।
एफबीआई में काम कर चुका है कैपिटल दंगों का आरोपी
कैपिटल हिल दंगों को लेकर हुए खुलासे के तहत अमेरिका में छह जनवरी को हुए हमले में दंगाइयों का नेतृत्व करने के आरोपी थॉमस काल्डवेल को दशकों तक अति गोपनीय और सुरक्षित दस्तावेजों तक पहुंचने की अनुमति मिली हुई थी। वह पहले एफबीआई में रह चुका है और वह 'ओथ कीपर्स' समूह का सदस्य है। जबकि काल्डवेल के वकील थॉमस प्लॉफचान ने अदालत में कहा कि उनका क्लाइंट नौसेना से रिटायरमेंट के बाद एफबीआई में सेक्शन प्रमुख रहा था लेकिन वह 'ओथ कीपर्स' समूह का सदस्य नहीं रहा है। इसलिए उसे रिहा किया जाना चाहिए। एफबीआई ने इस पर प्रतिक्रिया नहीं दी है।
ट्रंप सामने आएंगे?
ट्रंप ने महाभियोग के मैनेजर्स के गवाही देने के आग्रह को ठुकरा दिया है। वे 20 जनवरी से ही फ्लोरिडा में हैं। चूंकि ट्विटर उन्हें प्रतिबंधित कर चुका है लिहाजा अब वे प्रेस विज्ञप्ति के जरिए अपनी बात कह रहे हैं।
अमेरिकी इतिहास में पहली बार
ऐसा अमेरिका के इतिहास में पहली बार हो रहा है जब किसी पर राष्ट्रपति पद से हटने के बाद महाभियोग पर चर्चा हो रही है। ऐसी कार्यवाही का सामना करने वाले ट्रंप पहले पूर्व राष्ट्रपति हैं। ट्रंप को दोषी ठहराने के लिए जरूरी है कि 100 सदस्यीय वाले चैंबर में कम से कम 67 सीनेटर उनके खिलाफ मतदान करें। चैंबर में डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन के 50-50 सीनेटर हैं, इसमें उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस टाई ब्रेकर हैं। लेकिन इस मामले में उनका ट्रंप के खिलाफ वोट करना भी खास काम नहीं आएगा क्योंकि 26 जनवरी के टेस्ट वोट के दिन केवल पांच रिपब्लिकन सीनेटरों ने उनके खिलाफ मतदान किया। अब भी यदि वे ट्रंप को दोषी ठहराने के लिए वोट करें तो भी 67 का आंकड़ा छू पाना मुश्किल है।
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