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चेन्नई, (आईएएनएस)| अमेरिका ने अंतरिक्ष क्षेत्र में भविष्य के सहयोग के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्री को प्रशिक्षण देने का प्रस्ताव दिया है। लेकिन प्रस्तावित प्रशिक्षण उन अंतरिक्ष यात्रियों के लिए नहीं है जो भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान का हिस्सा हैं, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
इसरो के अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, अमेरिका ने भारतीय अंतरिक्ष यात्री को प्रशिक्षित करने का प्रस्ताव दिया है। यह भविष्य की बातचीत का हिस्सा है, न कि गगनयान के लिए। भारतीय अंतरिक्ष यात्री के प्रशिक्षण पर अमेरिका द्वारा किसी योजना को अंतिम रूप नहीं दिया गया है।
समाचार रिपोर्ट का खंडन करते हुए जिसमें कहा गया है कि गगनयान के अंतरिक्ष यात्रियों को अमेरिका द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा, अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी प्रस्ताव केवल चर्चा के चरण में है।
चार भारतीय वायु सेना (आईएएएफ) के पायलटों ने गगनयान मिशन के लिए रूस में अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण लिया है। भारत अपने पहले मानव अंतरिक्ष मिशन के तहत दो/तीन अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना बना रहा है। 1984 में, आईएएफ पायलट राकेश शर्मा सोवियत संघ के सोयुज टी-11 अंतरिक्ष यान पर अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाले पहले भारतीय बने।
शर्मा और एक अन्य आईएएफ पायलट रवीश मल्होत्रा ने सोवियत संघ में प्रशिक्षण लिया।
--आईएएनएस
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Rani Sahu
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