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भारत तेजस लड़ाकू विमान के साथ अमेरिका के परमाणु बॉम्बर रॉकवेल बी-1 लांसर ने भरा उड़ान, देश को अपने दम पर कर सकता है तबाह

Neha Dani
3 Feb 2021 12:53 PM GMT
भारत तेजस लड़ाकू विमान के साथ अमेरिका के परमाणु बॉम्बर रॉकवेल बी-1 लांसर ने भरा उड़ान, देश को अपने दम पर कर सकता है तबाह
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एशिया के सबसे बड़े एयर शो एरो इंडिया 2021 में अमेरिका के परमाणु बॉम्बर रॉकवेल बी-1 लांसर ने भी उड़ान भरी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | एशिया के सबसे बड़े एयर शो एरो इंडिया 2021 में अमेरिका के परमाणु बॉम्बर रॉकवेल बी-1 लांसर ने भी उड़ान भरी। इस दौरान भारत के स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमान ने अमेरिका के इस खतरनाक बॉम्बर को एयर सपोर्ट मुहैया कराया। आसमान में बी-1 लांसर बॉम्बर और तेजस को एक साथ उड़ान भरते देख चीन और पाकिस्तान में खलबली मची हुई है। आलम यह है कि एलओसी पर पाकिस्तानी एयरफोर्स के अवाक्स सिस्टम्स की गश्त भी बढ़ गई है। अमेरिका का बी-1 लांसर ऐसा विमान है जो किसी देश को अपने दम पर ही तबाह कर सकता है।

अमेरिकी एयरफोर्स की सबसे बड़ी ताकत है यह बॉम्बर
बी-1 लांसर बॉम्बर अमेरिकी वायुसेना की सबसे बड़ी ताकत के रूप में जाना जाता है। यह मल्टीरोल, लॉन्ग रेंज बॉम्बर बिना रिफ्यूलिंग किए एक महाद्वीप से उड़ान भरकर दूसरे महाद्वीप तक की यात्रा कर सकता है। बी -1 बी के इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग उपकरण, इंफ्रारेड काउंटरमेशर, राडार लोकेशन और वार्निंग सिस्टम इसे सबसे घातक फ्लाइंग मशीन बनाते हैं। इतना ही नहीं, इसके इंजन इतने शक्तिशाली हैं कि एक छोटे से रनवे से भी यह भारी-भरकम बॉम्बर आसानी से उड़ान भर सकता है।
लगभग 50 विश्व रिकॉर्ड हैं बी-1 लांसर के नाम
बी-1 बी बॉम्बर के नाम अपनी श्रेणी में स्पीड, पेलोड, रेंज और उड़ान की रफ्तार को लेकर लगभग 50 विश्व रिकॉर्ड दर्ज है। नेशनल एरोनॉटिक एसोसिएशन ने भी इस विमान को 10 सबसे यादगार रिकॉर्ड उड़ानों में से एक को पूरा करने को लेकर मान्यता दी हुई है। 146 फीट लंबे इस बमवर्षक विमान की चौड़ाई 137 फीट की है। अमेरिका का बी-1 बॉम्बर 35,000 किलोग्राम तक के पेलोड (हथियार, गोला बारूद और सैनिकों) को लेकर उड़ान भर सकता है। इस विमान में दो पायलट के अलावा कुल 4 क्रू मेंबर शामिल होते हैं।
दुश्मनों के रेडार को चकमा देने में माहिर है बी-1बी बॉम्बर
बी-1 लांसर बॉम्बर का रडार क्रास सेक्शन बेहद ही कम है। इस कारण अधिकतर रडार इस विमान का पता ही नहीं लगा पाते हैं। भारी पेलोड के साथ यह विमान कम ऊंचाई पर तेजी से उड़ान भरने में सक्षम है। इसके अलावा उन्नत इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमेशर्स इस विमान को दुश्मन की जैमिंग, मिसाइल या किसी अन्य प्रकार के हमले से बचाता है। इस विमान में जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) के चार की संख्या में F101-GE-102 के ऑफ्टरबर्नर वाले टर्बोफैन इंजन लगे हुए हैं। जिसकी ताकत पर यह विमान लंबी दूरी तक उड़ान भर सकता है।
अमेरिका ने किसी भी देश को नहीं बेचा यह बॉम्बर
अमेरिका ने अबतक कुल 100 बी-1 लांसर बॉम्बर को बनाया है, जिसमें से 66 विमान अभी सर्विस में हैं। लेकिन, इसकी ताकत को देखते हुए अमेरिकी सरकार ने अपने अलावा किसी भी देश को यह विमान बेचा नहीं है। यहां तक कि किसी भी बेस पर तैनाती के समय भी अमेरिका इस विमान का ऑपरेशन अपने हाथ में ही रखता है। यह समुद्र तल से अधिकतम 30000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। यह विमान 120,326 किलो एविएशन फ्यूल के साथ टेक ऑफ कर सकता है, जो इसकी रेंज में भारी इजाफा करता है।
बी-1बी की ताकत हैं ये मिसाइलें और बम
अमेरिका के इस परमाणु बॉम्बर की सबसे बड़ी ताकत एजीएम-86 बी एयर लॉन्च क्रूज मिसाइल और और एजीएम-69 शॉर्ट रेंज अटैक मिसाइल ले जाने में सक्षम है। विमान के निचले सिरे में तीन आंतरिक हथियार स्टोर हैं, जहां 34019 किलोग्राम तक के हथियारों को रखा जा सकता है। जबकि विमान के बाहरी हॉर्ड पाइंट्स पर 26761 किलोग्राम तक के हथियारों को तैनात किया जा सकता है। हालांकि, इस विमान से परमाणु हथियारों को निकाला जा चुका है।


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