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अमेरिकी अखबार के संपादक ने 'नस्‍लवादी' कार्टून के लिए भारतीय-अमे‍रिकियों से मांगी माफी

jantaserishta.com
28 Jun 2023 3:37 AM GMT
अमेरिकी अखबार के संपादक ने नस्‍लवादी कार्टून के लिए भारतीय-अमे‍रिकियों से मांगी माफी
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न्‍यूयॉर्क: एक अमेरिकी अखबार के संपादक ने एक कार्टून के लिए भारतीय-अमेरिकी समुदाय से माफी मांगी है। रिपब्लिकन पार्टी के राष्‍ट्रपति पद के नामांकन की दौर में शामिल विवेक रामास्‍वामी की आलोचना में प्रकाशित इस कार्टून में भारतीय-अमे‍रिकी समुदाय की रूढ़ि‍वादिता पर कटाक्ष किया गया था।
क्वाड सिटी टाइम्स के कार्यकारी संपादक टॉम मार्टिन ने अखबार के शुक्रवार के संस्‍करण में समुदाय और रामास्वामी से माफी मांगते हुए कहा, "नस्लवादी और घृणित विचारों, शब्दों या छवियों का हमारे प्रकाशनों में कोई स्थान नहीं है, हमारे समाज में तो बिल्कुल भी नहीं।"
उन्होंने कहा कि कार्टूनिस्ट लियो केली को अखबार से निकाल दिया गया है। लेकिन अखबार में प्रकाशित एक पत्र में रामास्वामी कार्टूनिस्ट के बचाव में आये। उन्होंने लिखा, “हमें इस बात को आगे नहीं बढ़ाना चाहिए और न ही लोगों को इस बात पर निकाला जाना चाहिए। कार्टूनिस्ट को किसी भी तरह से निकाला नहीं जाना चाहिए। हम सभी इंसान हैं।”
उन्होंने संपादक की माफ़ी स्वीकार करते हुए लिखा, "मैं उन लोगों के प्रति सहानुभूति रखता हूं जो कभी-कभार ग़लतियां करते हैं।" क्वाड-सिटी टाइम्स एक क्षेत्रीय समाचार पत्र है जो आयोवा के डेवनपोर्ट में स्थित है और पड़ोसी इलिनोइस के कुछ हिस्सों को भी कवर करता है। इसका स्वामित्व मीडिया कंपनी ली एंटरप्राइजेज के पास है, जो पूरे अमेरिका में 70 से अधिक समाचार पत्र प्रकाशित करती है, जिसमें डिस्पैच-आर्गस भी शामिल है, जिसने साथ में कार्टून प्रकाशित किया था।
मार्टिन ने लिखा, "हमारी संपादकीय प्रक्रिया के माध्यम से और राजनीतिक कार्टून के रूप में बुधवार को हमारे राय पृष्ठ पर ऐसी छवि आने देने के लिए हम आज माफी मांगते हैं।" कार्टून प्रकाशित होने के बाद, रामास्वामी ने ट्वीट किया, “यह दु:खद है कि एमएसएम (मुख्यधारा मीडिया) रिपब्लिकन को इस तरह देखता है। मैं अमेरिका भर में जमीनी स्तर के रूढ़िवादियों से मिला हूं और एक बार भी उस तरह की कट्टरता का अनुभव नहीं किया जो मैं नियमित रूप से वामपंथियों से देखता हूं।"
उन्होंने कहा, "आयोवा के @क्‍यूसीटाइम्‍स को इसे छापने का पूरा अधिकार है, लेकिन यह अभी भी शर्मनाक है।"
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