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अमेरिका सांसद Taiwan के दौरे पर, बीजिंग ने ताइवान ADIZ में भेजे आठ लड़ाकू विमान

Gulabi
27 Nov 2021 5:02 PM GMT
अमेरिका सांसद Taiwan के दौरे पर, बीजिंग ने ताइवान ADIZ में भेजे आठ लड़ाकू विमान
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अमेरिका सांसद ताइवान के दौरे पर पहुंचे हैं
अमेरिका सांसद (US Lawmaker) ताइवान (Taiwan) के दौरे पर पहुंचे हैं. इस वजह से चीन (China) को मिर्ची लग गई है. स्थानीय मीडिया ने बताया कि बीजिंग (Beijing) ने ताइवान के एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन (ADIZ) में आठ लड़ाकू विमान भेजे हैं. पांच अमेरिकी सांसद गुरुवार को सरकारी अधिकारियों से मिलने ताइवान पहुंचे. पांच सांसदों वाला प्रतिनिधिमंडल इस महीने ताइवान पहुंचने वाला अमेरिकी कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल का दूसरा प्रतिनिधिमंडल है. ताइवान न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी सांसदों की ये यात्रा ऐसे समय पर हो रही है, जब नवंबर में सीनेटर जॉन कॉर्निन के नेतृत्व वाले समूह ताइवान की तीन दिवसीय यात्रा की थी.
द्वीपीय देश के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने चीनी विमानों को लेकर बताया कि इसमें चार शेनयांग जे-16 लड़ाकू जेट, दो शीआन एच-6 बॉम्बर्स, एक शानक्सी वाई-8 पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान और एक शानक्सी केजे -500 एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल विमान शामिल था. ताइवान न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, दो बॉम्बर्स और केजे-500 ताइवान के कब्जे वाले डोंगशा द्वीप के पूर्वोत्तर क्षेत्र से एडीआईजेड में घुसे थे. वहीं. ताइवान ने भी चीनी घुसपैठ का बखूबी जवाब दिया. ताइवान की वायुसेना ने चीनी विमानों की ओर अपने विमान भेजे, रेडियो चेतावनी जारी की और चीनी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम तैनात किया.
चीन ने जब ताइवान की ओर भेजे रिकॉर्ड लड़ाकू विमान
ताइवान न्यूज ने बताया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (PLAAF) के विमानों द्वारा ताइवान के ADIZ के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में पिछले एक साल से लगातार घुसपैठ की जा रही है. इस वजह से इस क्षेत्र में तनाव अपने चरम पर पहुंच रहा है. पिछले महीने एक अक्टूबर को चीन के नेशनल डे के मौके पर ताइवान की ओर रिकॉर्ड 38 चीनी लड़ाकू विमानों (Chinese Fighter Planes) को भेजा गया और इसने ADIZ का उल्लंघन किया. हालांकि, अगले ही दिन चीन की वायुसेना (China Air Force) ने 39 विमानों को ताइवान की ओर भेजा और ये रिकॉर्ड ध्वस्त हो गया.
ताइवान पर अपना दावा करता है चीन
बीजिंग ताइवान पर अपनी पूर्ण संप्रभुता का दावा करता है. जबकि तथ्य ये है कि दोनों पक्ष सात दशकों से अधिक समय से अलग-अलग सरकारों द्वारा शासित हैं. ताइपे (Taipei) ने अमेरिका सहित लोकतांत्रिक देशों संग रणनीतिक संबंध बढ़ाकर चीनी आक्रामकता का मुकाबला किया है. वहीं, बीजिंग ने इसका लगातार विरोध किया है. बीजिंग लगातार ताइवान संग रिश्ते रखने वाले मुल्कों को आंख दिखाता रहा है. ताइवान और अमेरिका के बीच दोस्ताना रिश्ते भी चीन को खटकता रहा है.
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