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भारत में किसी बड़े आतंकवादी घटना को अंजाम देने की सूरत में भारत बड़ी सैन्य कार्रवाई कर सकता है.
अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि पाकिस्तान (Pakistan) और चीन (China) से खतरे के मद्देनजर देश की रक्षा के लिए भारत जून 2022 तक एस-400 मिसाइल प्रणाली की तैनाती की योजना बना रहा है.
अमेरिका खुफिया एजेंसी के अधिकारी ने दी जानकारी
अमेरिका की रक्षा खुफिया एजेंसी के निदेशक लेंफ्टिनेंट जनरल स्कॉट बेरियर ने कांग्रेस की एक सुनवाई के दौरान सांसद की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि भारत को पिछले साल दिसंबर से रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली मिलने लगी है. अक्टूबर 2021 तक भारत की सेना अपनी जमीनी तथा समुद्री सीमाओं की रक्षा के लिए तथा साइबर क्षमताओं को बढ़ाने के लिए उन्नत निगरानी प्रणालियों की खरीद पर विचार कर रही थी.
भारत को मिली रूसी S-400 मिसाइल
बेरियर ने कहा, 'दिसंबर में भारत को रूसी एस-400 मिसाइल प्रणाली की शुरुआती खेप मिली है, पाकिस्तान और चीन से खतरे को देखते हुए भारत जून 2022 तक इस प्रणाली के संचालन की योजना बना रहा है.'
भारत बना रहा है हाइपरसोनिक मिसाइल
उन्होंने कहा, 'भारत अपने हाइपरसोनिक, बैलेस्टिक, क्रूज मिसाइलों का निर्माण कर रहा है साथ ही हवाई रक्षा मिसाइल क्षमताओं को विकसित कर रहा है, 2021 से लगातार अनेक परीक्षण कर रहा है. अंतरिक्ष में भारत के उपग्रहों की संख्या बढ़ रही है और वो अंतरिक्ष में अपना प्रभाव बढ़ा रहा है.' उन्होंने आगे कहा कि भारत कमानों के एकीकरण के लिए कदम उठा रहा है, इससे उसके तीनों सशस्त्र बलों की संयुक्त क्षमता में सुधार होगा.
'2019 के बाद से विदेशी कंपनियों से रक्षा खरीद कम'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 के बाद से भारत के घरेलू रक्षा उद्योग को विस्तार देकर और विदेशी कंपनियों से रक्षा खरीद कम करने की नीति अपना कर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने को प्राथमिकता दी है.
'भारत के रूस के साथ हैं अच्छे संबंध'
बेरियर ने कहा, 'भारत के रूस के साथ दीर्घकालिक रक्षा संबंध हैं. यूक्रेन पर रूस के आक्रमण पर भी भारत ने तटस्थ रुख अपनाया है और लगातार शांति बनाए रखने की मांग की है.' उन्होंने कहा कि भारत हिंद प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करने और समृद्धि को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है. भारत साइबर सुरक्षा पर खुफिया तथा अभियानगत सहयोग को प्रगाढ़ करने , अहम सूचना ढांचे की रक्षा आदि मुद्दों पर जोर देता है.'
'भारत ने चलाए आतंकवाद विरोधी अभियान'
बेरियर ने कहा कि भारत 2003 में किए गए संघर्षविराम समझौते को लेकर प्रतिबद्ध है, पर वो आतंकवादी खतरों से निपटने के लिए दृढ़ है और उसने कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए हैं. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के सैनिकों के बीच कभी कभार छोटी- मोटी झड़पें होती रहेंगी लेकिन पाकिस्तान के आतंकवादियों द्वारा भारत में किसी बड़े आतंकवादी घटना को अंजाम देने की सूरत में भारत बड़ी सैन्य कार्रवाई कर सकता है.
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