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अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बढ़ाई 0.75 फीसदी ब्याज दरें, 1994 के बाद की सबसे बड़ी वृद्धि

Renuka Sahu
16 Jun 2022 1:49 AM GMT
US Federal Reserve raised interest rates by 0.75 percent, the biggest increase since 1994
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फाइल फोटो 

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार को ब्याज दरों में 0.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार को ब्याज दरों में 0.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है। यह साल 1994 के बाद से सबसे बड़ी वृद्धि दर है। फेडरल रिजर्व ने यह फैसला महंगाई पर लगाम लगाने के लिए उठाया है। इस फैसले का असर लाखों अमेरिकी व्यवसायों और परिवारों पर पड़ेगा। अमेरिका में होम, कार और दूसरे तरह के ऋणों के लिए उधार लेने की लागत बढ़ जाएगी। अमेरिका में शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिकी मुद्रास्फीति पिछले चार दशक के उच्च स्तर पर पहु्ंच चुकी है। अमेरिका में मई महीने में मुद्रास्फीति दर 8.6 प्रतिशत चुकी है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में हुई बढ़ोतरी से भारतीय मुद्रा पर संकट गहरा गया है। ब्याज दरों में बढ़ोतरी की वजह से डालर को मजबूती मिलेगी लेकिन इससे रुपया और ज्यादा नीचे गिर सकता है।

बेंचमार्क अल्पकालिक दर में होगी वृद्धि
फेडरल रिजर्व बैंक के मौजूदा अध्यक्ष जेरोम पावेल ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा, 'हमने सोचा था कि इस बैठक में कड़ी कार्रवाई की जरूरत है और हमने ऐसा ही किया है। मुद्रास्फीति को फेडरल की लक्ष्य दर पर वापस लाने के लिए केंद्रीय बैंक की प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया है। पावेल ने कहा कि आर्थिक विकास धीमा होने की वजह से बेरोजगारी की दर थोड़ी अधिक हो सकती है। बता दें कि इस फैसले के बाद बेंचमार्क अल्पकालिक दर (Benchmark short-term rate) में वृद्धि होगी, जो कई उपभोक्ता और व्यावसायिक और लोन धारकों को 1.5% से लेकर 1.75% तक प्रभावित कर सकता है।
गौरतलब है कि फेडरल अधिकारियों ने इस साल और अगले साल बेरोजगारी बढ़ने का अनुमान लगाया है, जो 2024 में 4.1 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। कुछ अर्थशास्त्रियों के मुताबिक, यह स्तर मंदी का खतरा होगा।
पावेल ने कहा, 'हम अब मंदी को प्रेरित करने की कोशिश नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम 2 प्रतिशत मुद्रास्फीति हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।' की संभावना बढ़ गई है। बता दें कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी से डालर को मजबूती मिलेगी।
बता दें कि मध्यावधि चुनावों से पहले मतदाताओं के लिए मुद्रास्फीति एक चिंता का विषय बन चुकी है। अर्थव्यवस्था के बारे में जनता के दृष्टिकोण में खटास आ गई है। साथ ही साथ राष्ट्रपति जो बाइडन की अनुमोदन रेटिंग कमजोर हो गई है और नवंबर में डेमोक्रेटिक नुकसान पहुंचने की भी संभावना बढ़ गई है।
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