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दुनिया के अन्य लोकतांत्रिक देशों की तुलना में इतना अलग है अमेरिकी चुनाव, इस बार टुटा रिकॉर्ड

Gulabi
6 Nov 2020 8:40 AM GMT
दुनिया के अन्य लोकतांत्रिक देशों की तुलना में इतना अलग है अमेरिकी चुनाव, इस बार टुटा रिकॉर्ड
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अमेरिकी चुनाव पर पूरी दुनिया की निगाहें हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिकी चुनाव पर पूरी दुनिया की निगाहें हैं। हर कोई यह जानने को उत्सुक है कि अमेरिका का अगला राष्ट्रपति कौन होगा। इस चुनाव में मतदाताओं ने भी काफी बढ़-चढ़कर मतदान किया है और 120 साल बाद मतदान के रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया है। दुनिया में भारत और अमेरिका समेत कम ही लोकतांत्रिक मुल्क हैं, जहां इतने बड़े पैमाने पर मतदाता अपना हुक्मरान चुनते हैं। रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से डोनाल्ड ट्रंप फिर से किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं, डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से दो बार अमेरिका के उपराष्ट्रपति रह चुके जो बाइडन उम्मीदवार हैं। चुनावों में भारतीय मूल की कमला हैरिस उपराष्ट्रपति पद के डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से मैदान में हैं। अमेरिकी इतिहास में अब तक ऐसा 16 बार हो चुका है, जब जनता ने अपने राष्ट्रपति को दूसरी पर पद पर बने रहने का मौका दिया है। कोरोनावायरस महामारी के चलते कई राज्यों ने वोटिंग रूल में बदलाव किए। पहली बार लाखों लोगों को मेल के द्वारा वोट करने की इजाजत दी गई। साथ ही कई लोगों ने भीड़ से बचने के लिए व्यक्तिगत रूप से मतदान किया।

इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस के अनुसार, भारत में 2019 में हुए आम चुनावों में 910.5 मिलियन मतदाता पंजीकृत थे। मतदान करने के लिए पंजीकृत भारतीयों की संख्या पूरे अमेरिकी आबादी के आकार के तीन गुना के करीब है। भारत में मतदान छह हफ्ते चला। वहीं इंडोनेशिया में हुए चुनाव में 192.9 मिलियन लोग चुनाव में मत देने के लिए पंजीकृत हुए थे, जबकि अमेरिका में करीब 200 मिलियन मतदाता पंजीकृत हैं। इस मायने में अमेरिका और इंडोनेशिया के मतदाता आसपास हैं। भारत की तरह इंडोनेशिया में भी चुनावी प्रक्रिया काफी वृहद है। इंडोनेशिया में 809,500 पोलिंग स्टेशन हैं। हालांकि, चुनाव प्रक्रिया एक दिन में संपन्न हो गई थी। ब्राजील का चुनाव दो राउंड में संपन्न हुआ था और आकार के मामले में इंडोनेशिया के बाद है। अक्टूबर 2018 में हुए चुनावों में 147 मिलियन मतदाता पंजीकृत हुए थे। इन चुनावों में जैर बोलसोनारो राष्ट्रपति पद पर निर्वाचित हुए थे। रूस, बांग्लादेश और जापान में बड़ी संख्या में मतदाता पंजीकृत हुए थे।

मतदान का टूटा रिकॉर्ड

अमेरिकी चुनाव में इस बार मतदान में बीते 120 सालों का रिकॉर्ड टूट गया। अमूमन अमेरिकी चुनावों में 50 से 60 प्रतिशत तक मतदाता मतदान करते हैं। पर इस बार मतदाताओं ने अपने मतदान से इतिहास रच डाला। अमेरिकी इलेक्शन प्रोजेक्ट के अनुसार, इस बार करीब 66.9 फीसदी मतदाताओं ने मत दिया। 2020 के पहले 1900 में सबसे अधिक वोटर टर्नआउट था, जब 73.7 फीसदी लोगों ने मतदान किया था। 1900 में विलियम मैकिनली राष्ट्रपति बने थे। इसके बाद मतदान का आंकड़ा 65.7 फीसदी से अधिक नहीं गया।

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