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अमेरिकी चुनाव 2020: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कड़ा मुकाबला

Triveni
8 Oct 2020 9:16 AM GMT
अमेरिकी चुनाव 2020: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कड़ा   मुकाबला
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कोरोना वायरस महामारी को लेकर अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस और डेमोक्रेटिक पार्टी की उप राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस के बीच बुधवार को तीखी बहस हुई.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| कोरोना वायरस महामारी को लेकर अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस और डेमोक्रेटिक पार्टी की उप राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस के बीच बुधवार को तीखी बहस हुई. पेंस और हैरिस के बीच उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए एक मात्र डिबेट बुधवार रात यूटा की सॉल्क लेक सिटी में हुई. बता दें कि अमेरिका में 3 नवंबर को राष्ट्रपति पद के चुनाव होंगे जिसमें डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडन और मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कड़ा मुकाबला होने जा रहा है.

रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार व मौजूदा उपराष्ट्रपति माइक पेंस और डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार व अमेरिकी सीनेटर कमला हैरिस के बीच कोविड-19 महामारी, नस्लभेद-रंगभेद और अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर जमकर बहस हुई.

ट्रंप के कहने पर नहीं लूंगी कोरोना वायरस का टीका-हैरिस

चर्चा के दौरान कमला हैरिस में कोरोना वायरस पर ट्रंप सरकार को घेरते हुए कहा कि महामारी से निपटने में प्रशासन असफल रहा है. कमला हैरिस ने कहा, 'अमेरिकी नागरिक इस बात के गवाह है कि अमेरिकी इतिहास में देश की कोई भी सरकार इतनी बुरी तरह से कभी फेल नहीं हुई है. उन्होंने यहां तक कहा कि अगर पब्लिक हेल्थ प्रफेशनल, डॉक्टर फाउची हमसे कहते हैं कि हमें वैक्सीन लेनी चाहिए तो मैं सबसे पहले जाऊंगी, लेकिन अगर ट्रंप कहते हैं तो मैं उसे नहीं लूंगी. इसके जवाब में माइक पेंस ने हैरिस पर आरोप लगाया कि कोरोना की वैक्सीन को लेकर वह लोगों का विश्वास कम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि लोगों के जिंदगी के साथ राजनीति नहीं करनी चाहिए

कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने दावा किया था कि जल्द ही कोरोना वायरस का वैक्सीन तैयार हो जाएगा. इसको लेकर डेमोक्रेटिक पार्टी लगातार सवाल उठा रही है. नवंबर से पहले वैक्सीन बनाने की बात पर डेमोक्रेटिक पार्टी इसे ट्रंप का चुनावी हथकंडा करार दे रही है. इससे पहले भी कमला हैरिस कह चुकी हैं कि वह वैक्सीन को लेकर ट्रंप के किसी बात पर भरोसा नहीं करेंगी. सिर्फ स्वास्थ्य विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की बात पर भरोसा करेंगी, क्योंकि वे लोग वैक्सीन को लेकर ज्यादा सही जानकारी दे पाएंगे. दुनिया भर में सबसे ज्यादा कोरोना वायरस के केस अमेरिका में आए हैं और यहां महामारी से दो लाख से ज्यादा लोगों की मौत भी हुई है.

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