ड्रैगन के एकदम समीप पहुंची US की महाविनाशक परमाणु पनडुब्बी, क्या चीन-अमेरिका के बीच युद्ध संभव
अमेरिका और चीन के बढ़ते तनाव के बीच एक बार फिर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दोनों देशों के मध्य विवाद और गहरा गया है। दरअसल, अमेरिकी नौसेना के सबसे शक्तिशाली हथियारों में से एक यूएसएस पनडुब्बी के गुआम द्वीप के एक दुर्लभ बंदरगाह पर अचानक आवक से यहां हलचल बढ़ गई है। इस पनडुब्बी की दस्तक से चीन और उत्तर कोरिया सकते में हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर अमेरिका ने गुआम द्वीप पर अपनी पनडुब्बी क्यों भेजी? इससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जंग की स्थिति क्यों उत्पन्न हो गई है? अमेरिका के इस कदम से चीन और उत्तर कोरिया को क्यों एतराज है? इस तमाम सवालों पर क्या है विशेषज्ञ की राय।
2- अमेरिकी नौसेना ने सबसे शक्तिशाली पनडुब्बी को गुआम द्वीप पर उतार कर यह संकेत दिया है कि चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आया तो अमेरिकी सेना जंग के लिए भी तैयार है। यह अमेरिकी प्रशासन को चीन की खुली धमकी का जवाब है। बाइडन प्रशासन ने यह दिखा दिया है कि चीन की किसी भी हरकत के जवाब के लिए उसकी नौसेना पूरी तरह से तैयार और सक्षम है। उन्होंने कहा कि यह हमले की नहीं हमले के पूर्व की चेतावनी है। यह इशारा है कि मान जाओ नहीं तो युद्ध के लिए तैयार रहो।
4- बता दें कि ओहियो-क्लास की परमाणु शक्तिवाली पनडुब्बी 20 ट्राइडेंट बैलिस्टिक मिसाइल और दर्जनों परमाणु हथियार के साथ प्रशांत द्वीप क्षेत्र में यूएस नेवी के बेस पर पहुंची। इस सबमरीन को 'बूमर' भी कहा जाता है। 2016 के बाद से इस पनडुब्बी की गुआम की पहली यात्रा है। अमेरिका नौसेना ने एक बयान में कहा कि पनडुब्बी की बंदरगाह यात्रा अमेरिका और क्षेत्र में सहयोगियों के बीच आपसी सहयोग को मजबूत करती है। यह अमेरिकी क्षमता, तत्परता और लचीलेपन का प्रदर्शन है। यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता के लिए निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती है।