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अमेरिकी रक्षा मंत्री ने यूक्रेन पर आक्रमण के बाद पहली बार रूसी समकक्ष के साथ की वार्ता, तत्काल युद्धविराम का आग्रह

Renuka Sahu
14 May 2022 2:19 AM GMT
US Defense Secretary holds talks with Russian counterpart for the first time since the invasion of Ukraine, urges immediate ceasefire
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फाइल फोटो 

24 फरवरी को यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद अमेरिका की ओर से पहली बार रूस से आधिकारिक वार्ता की गई है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। 24 फरवरी को यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद अमेरिका की ओर से पहली बार रूस से आधिकारिक वार्ता की गई है। अमेरिकी रक्षा मंत्री लायड आस्टिन ने शुक्रवार को टेलीफोन से अपने रूसी समकक्ष सर्गेई शोइगू से बात की। यह जानकारी अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने दी है।

संवाद बना रहना वैश्विक शांति के लिए जरूरी
आस्टिन ने कहा, यूक्रेन युद्ध के दौरान उन्होंने कई बार रूसी रक्षा मंत्री से बात करने की कोशिश की लेकिन यह वार्ता शुक्रवार को संभव हो पाई। आस्टिन ने दोनों देशों के बीच संवाद बने रहने पर जोर दिया। कहा कि दो प्रमुख देशों के बीच संवाद बना रहना वैश्विक शांति के लिए आवश्यक है। दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच करीब एक घंटे की वार्ता के बावजूद यूक्रेन में युद्ध को लेकर कोई सहमति नहीं बन सकी। पेंटागन के प्रवक्ता जान किर्बी के अनुसार वार्ता के दौरान दोनों ही नेताओं का लहजा पेशेवर था।
अमेरिका और रूस ने की थी हाटलाइन वार्ता
रूसी समाचार एजेंसी तास के अनुसार रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिका से आए फोन पर शोइगू ने बात की। बातचीत में यूक्रेन मसले समेत अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा की स्थिति पर चर्चा की गई। उल्लेखनीय है कि यूक्रेन युद्ध के तत्काल बाद अमेरिका और रूस ने हाटलाइन वार्ता की व्यवस्था की है। यह व्यवस्था कार्रवाई संबंधी किसी गलतफहमी को अविलंब दूर किए जाने के लिए की गई है।
यूक्रेन की लगातार मदद कर रहा है अमेरिका
युद्ध लड़ रही यूक्रेनी सेना के लिए अमेरिका और सहयोगी देश जहां लाखों करोड़ रुपये मूल्य के हथियार भेज चुका है, वहीं रूस और उसकी कंपनियों पर भी तमाम तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। इससे अमेरिका और रूस के बीच तनाव चरम पर है। युद्ध शुरू होने के बाद से, अमेरिका ने करीब 380 करोड़ डालर के हथियार यूक्रेन भेजे हैं। वहीं इस सप्ताह की शुरुआत में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने यूक्रेन के लिए करीब 40 अरब डालर से अधिक की सहायता को मंजूरी दी है। लेकिन सीनेट के ओर से इस प्रस्ताव पर अभी मोहर नहीं लगाई गई है। युद्ध के कारण अब तक हजारों लोगों ने अपनी जान गवाई है। वहीं लाखों लोगों को अपने घरों से मजबूरी में विस्थापित होना पड़ा है।
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