रक्षा मंत्री ने एक वेबिनार में कहा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की गतिविधियों के संबंध में सतर्कता बरती जा रही है और सेना की सभी सेवाएं इसके लिये तैयार हैं। जहां-जहां हमारी सेना तैनात हैं, वहां भी नए सिरे से समीक्षा की जा रही है। हमें अपनी ताकत को बनाए रखने के लिए समय पर पर्याप्त और स्थायी बजट की भी आवश्यकता है। नई चुनौतियां, विशेष रूप से चीन की गतिविधियों को देखते हुए इसकी तत्काल आवश्यकता है। इन खतरों को देखते हुए सेना को तीन से पांच प्रतिशत रक्षा बजट में बढ़ोत्तरी की जरूरत है।
रक्षा मंत्री ने कहा, हमने अप्रैल माह में ही एयरफोर्स की बमवर्षक क्षमता को बढ़ाने की प्रकिया शुरू कर दी है। ये सब चीन की क्षमता बढ़ाने की कोशिशों को भी देखते हुए जरूरी है। अगस्त माह में छह बी-52 बमवर्षक विमान और हवा में मार करने वाली टैंक सेना को सभी तीस नाटो देशों में तैनात किया गया है।
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक रैली के दौरान चीन, रूस के साथ-साथ भारत को भी वैश्विक वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने दावा किया कि पर्यावरण के मामले में उनके देश का रिकॉर्ड काफी अच्छा है। गुरुवार को नार्थ कैरोलिना में आयोजित एक चुनावी रैली में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने पर्यावरण की रक्षा करते हुए ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल की है।
बता दें कि अमेरिका में जल्द राष्ट्रपति के चुनाव होने जा रहे हैं। इसको लेकर ट्रंप से सामने उनके प्रतिद्ंदी जो बिडेन हैं। ट्रंप को हाल ही में कोरोना वायरस ने भी चपेट में ले लिया था, लेकिन उन्होंने इससे जल्द रिकवर होकर चुनावी अभियान शुरू कर दिया। वहीं, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों का मानना है कि 2020 का चुनाव अच्छी और बुरी नीतियों के बीच चुनाव का मौका देता है। ट्रंप के हजारों समर्थक अपने नेता को देखने और सुनने के लिए गुरुवार को नार्थ कैरोलिना में एकत्र हुए थे। संक्रमण से उबरने के बाद ट्रंप की यह पहली चुनावी रैली थी। रैली में आए लोगों में से कई ने गर्भपात, धाíमक स्वतंत्रता, बंदूक रखने का अधिकार, अवैध आव्रजन और स्वास्थ्य देखभाल जैसे कई मुद्दों पर अपना पक्ष रखा और कहा कि इन्हीं कुछ प्रमुख मुद्दों को लेकर वे राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप का समर्थन कर रहे हैं।