अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने चीन को एक बढ़ती हुई चुनौती बताते हुए कहा है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बीजिंग के 'आक्रामक बर्ताव' से संकट पैदा हो सकता है। रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) के वार्षिक बजट पर अमेरिकी संसद (कांग्रेस) की सुनवाई के दौरान सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों के सवालों के जवाब में उन्होंने यह बात कही।
ऑस्टिन ने कहा, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक व्यवहार को देखते हुए मुझे कुछ ऐसा होने की आशंका है जिसके कारण वहां संकट पैदा हो जाए। हम चाहते हैं कि अपने सहयोगियों और साझेदारों तथा शत्रुओं या संभावित शत्रुओं से बात करने की हममें क्षमता हों। इसलिए मुझे लगता है कि सेना तथा सरकारी अधिकारियों के बीच भी संवाद की सीधी लाइन होनी चाहिए।
ऑस्टिन ने कहा, वर्तमान में चीन से अमेरिकी रिश्ते प्रतिस्पर्धा वाले हैं और चीन इस ग्रह का सबसे प्रभावशाली देश बनने की दीर्घकालीन महत्वाकांक्षा रखता है। वे सेना समेत अनेक गतिविधियों में हमारे साथ प्रतिस्पर्धा करना चाहते हैं। हम सेना या सरकार के अन्य क्षेत्रों में जो कुछ भी करते हैं वह इसलिए ताकि हम आर्थिक रूप से प्रतिस्पर्धी बने रह सकें और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक तैयार कर सकें। यह व्यापक गतिविधियों की प्रतिस्पर्धा है।
जापानी पीएम के ताइवान को देश कहने पर भड़का चीन
जापानी प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा के ताइवान को एक देश बताने पर चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है क्योंकि वह इस स्व-शासित द्वीप कोअपना हिस्सा मानता है। सुगा ने विपक्षी नेताओं के साथ अपनी पहली आमने-सामने की संसदीय बहस में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और ताइवान का नाम लेते हुए कहा कि ये तीन देश कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए निजी अधिकारों पर कड़े प्रतिबंध लगा रहे हैं। इस पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि जापान की टिप्पणी असंतोष पैदा करती है। इसके खिलाफ चीन गंभीर विरोध दर्ज कराता है।